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रसोईया नियुक्ति में रातोंरात बदल गई घोटाले की रकम

अन्य ख़बरे Published by: Paliwalwani Updated Fri, 02 Dec 2022 12:01 AM
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सरकारी रकम में घोटाला करने वाले के घर कब चलेगा योगी सरकार का बुलडोजर

कौशाम्बी : कौशाम्बी जिले के चार विकासखंड क्षेत्र सिराथू मंझनपुर मूरतगंज सरसवा के सरकारी विद्यालयों में रसोईया की नियुक्ति के मामले में बड़े खेल उजागर हो चुके हैं. लेकिन अभी इससे बड़े और खेल उजागर होने की उम्मीद जताई जाती है. गबन का खेल उजागर होने के बाद नए खेल खेलना फिर विभागीय लोगों को शुरू कर दिया है. जिले के अन्य चार विकासखंड क्षेत्रों में रसोइया नियुक्ति की जांच नहीं हुई है. अन्य विकास खंड क्षेत्र कड़ा कौशाम्बी चायल नेवादा के सरकारी स्कूल के रसोइया नियुक्ति की जांच हुई तो इससे बड़े खेल उजागर होने की उम्मीद है. घोटाले की रकम में रातोंरात परिवर्तन कैसे हो गया यह एक अलग जांच का विषय है.

सरकारी विद्यालयों में रसोईया की नियुक्ति किए जाने के बाद उनके वेतन दिए जाने का निर्देश बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा दिया जाता है लेकिन फर्जी तरीके से रसोइया की नियुक्ति में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी फर्जी वेतन भुगतान की अनुमति दे दी. बेसिक शिक्षा अधिकारी बदल गए और दूसरे बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कार्यभार ग्रहण कर लिया. लेकिन बिना नियुक्ति रसोइया की फर्जी वेतन भुगतान बीएसए कार्यालय से लगातार किया जाता है.

मामले की शिकायत हुई आला अधिकारियों ने जांच कराई जांच में तमाम रसोईया की फर्जी नियुक्ति का खुलासा हुआ तमाम कर्मचारी बर्खास्त किए गए तमाम लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने के निर्देश दिए सूचना अधिकारी द्वारा खबर भेज कर बताया गया कि 34 लाख 80 हजार रुपए का गबन हुआ है. लेकिन कुछ देर बाद गबन की रकम सिकुड़ कर 7 लाख 42 हजार हो गयी.

सूचना अधिकारी ने संशोधित विज्ञप्ति भेजकर गबन की रकम 7 लाख 42 हजार रुपए बताई अब सवाल उठता है कि आखिर रातों-रात गबन की रकम में इतनी तेजी से परिवर्तन कैसे हुआ जब मामले की शिकायत पर अधिकारियों ने जांच कराई जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोप तय हुए कई कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया. कई कर्मचारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दे दिए गए. खंड शिक्षा अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए शासन स्तर को पत्र भेज दिया गया. उसके बाद अचानक गबन की रकम सिकुड़ कर 7 लाख 42 हजार रुपए कैसे हों गयी.

यह अलग जांच का विषय है लेकिन सबसे अहम बात यह है कि इस मामले में तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी और वर्तमान बेसिक शिक्षा अधिकारी पर मुकदमा दर्ज करा कर उन्हें निलंबित नही किया गया उनके खिलाफ शासन को पत्र नहीं भेजा गया है. आम जनता योगी सरकार की व्यवस्था पर सवाल उठा रही है कि सरकारी रकम में गबन करने वाले पूर्व बेसिक शिक्षा अधिकारी और वर्तमान बेसिक शिक्षा अधिकारी पर मुकदमा दर्ज कराते हुए उनकी गिरफ्तारी कराते हुए सरकार की रकम में गबन करने वाले के घर पर योगी सरकार का बुलडोजर कब चलेगा. जबकि छोटे-छोटे मामले में योगी सरकार के अधिकारी बुलडोजर लेकर गरीब कमजोर के घर गिराने को दौड़ रहे हैं.

सुशील केसरवानी वरिष्ठ पत्रकार ब्यूरो चीफ अखंड भारत संदेश समाचार पत्र जनपद कौशांबी 9838824938

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