अगर आप नौकरी की वजह से हर 2-4 साल में एक जगह से दूसरी जगह आते-जाते रहते हैं, तो आपके लिए एक खुशखबरी है। अब आपको किसी भी राज्य में जाने पर अपनी गाड़ी का दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराना होगा। सरकार नई व्हीकल रजिस्ट्रेशन पॉलिसी लॉन्च करने जा रही है, जिसमें आपके वाहन को नई सीरीज का नंबर मिलेगा। यही नंबर पूरे भारत में काम करेगा। यानी आप अपने वाहन को दूसरे राज्य में ले जाएंगे तो आपको वाहन का दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराना होगा। ये योजना 15 सितंबर से शुरू होगी। मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज ने 26 अगस्त को इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है।
अभी आपके वाहन नंबर से पता चल जाता है कि वह किस राज्य में रजिस्टर्ड है। वाहन मध्यप्रदेश में रजिस्टर्ड है तो रजिस्ट्रेशन नंबर MP से, उत्तरप्रदेश के लिए UP से और राजस्थान के लिए RJ से शुरू होता है। यानी जिस राज्य में आपकी गाड़ी रजिस्टर्ड है, उसका अंग्रेजी में संक्षिप्त नाम नंबर प्लेट पर लिखा होता है।
अब सरकार ने राज्यों के नाम के बजाय पूरे भारत के लिए BH सीरीज प्रस्तावित की है। इससे पूरे देश में BH सीरीज के नंबर मिल सकेंगे। यानी किसी राज्य के बजाय नंबर प्लेट पर BH से नंबर की शुरुआत होगी।
इस योजना का लाभ उन लोगों को होगा, जो केंद्र सरकार की नौकरी में हैं, सेना में हैं या प्राइवेटी नौकरी करते हैं और उनका ट्रांसफर होता रहता है। प्रस्तावित प्रक्रिया से न केवल समय बचेगा, बल्कि उन्हें हर बार राज्य बदलने पर सामने आने वाली परेशानियों से भी मुक्ति मिल जाएगी।
दूसरे राज्य में जाने पर वाहन का दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराना होगा, जटिल कागजी कार्रवाई से मुक्ति मिलेगी। ऑनलाइन होगी पूरी प्रक्रिया।
नई नंबर प्लेट का फॉर्मेट पूरी तरह अलग होगा। अभी गाड़ियों पर जो नंबर प्लेट लगी होती है उसका फॉर्मेट राज्यों के हिसाब से होता है। सबसे पहले राज्य, फिर RTO कोड फिर दो अल्फाबेट और आखिर में 4 अंकों का सीरियल नंबर होता है।
MP-09-AB-1234 के उदाहरण से समझिए। यहां पर MP का मतलब मध्यप्रदेश, 09 का मतलब RTO कोड इंदौर, AB का मतलब हर राज्य और कॉम्बिनेशन के हिसाब से अलग-अलग होता है। A से लेकर Z तक के अल्फाबेट इसमें हो सकते हैं। और आखिर में 4 अंकों का नंबर जो कि 0001 सो 9999 तक कुछ भी हो सकता है।
फिलहाल हर राज्य में दूसरे राज्य के वाहनों की रजिस्ट्रेशन प्रोसेस और डॉक्युमेंट्स अलग-अलग हैं। इस वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पूरी प्रोसेस ऑफलाइन होने के साथ-साथ धीमी भी है। बार-बार RTO का चक्कर लगाना पड़ता है। नई प्रोसेस ऑनलाइन होगी। जटिल प्रोसेस की वजह से ही कई लोग दूसरे राज्य में वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराते ही नहीं है। इससे राज्यों को टैक्स का नुकसान होता है।
अगर आपकी गाड़ी दूसरे राज्य की है तो आपको गाड़ी के रजिस्टर्ड RTO से NOC (No Objection Certificate) लेना होगा।
नए RTO में आपको कम से कम 2 साल का रोड टैक्स देना होगा। आपका पुराना RTO टैक्स रिफंड हो जाएगा। आप कब तक राज्य में रहेंगे, इस हिसाब से आप 2 के मल्टीपल में 14 साल तक का टैक्स इकट्ठा भी जमा कर सकते हैं।
अब आप BH सीरीज के लिए अप्लाई कर सकते हैं। कंपनी से जुड़े डॉक्युमेंट, गाड़ी के रजिस्ट्रेशन और खुद के डॉक्युमेंट की जरूरत होगी। नए वाहनों के लिए BH सीरीज का रजिस्ट्रेशन वाहन खरीदते समय ही किया जा सकता है।