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कोरोना के बढ़ते मामलों ने बढ़ाई चिंता-बस करिए ये एक उपाय

अन्य ख़बरे Published by: paliwalwani Updated Mon, 15 Jan 2024 11:26 AM
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नई दिल्ली : भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटक में JN.1 के सबसे अधिक 215 मामले दर्ज किए गए हैं. आंध्र प्रदेश में 189, महाराष्ट्र में 170, केरल में 154, पश्चिम बंगाल में 96, गोवा में 90, तमिलनाडु में 88 और गुजरात में 76 मामले सामने आए हैं.

कहां कितने मामले

भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटक में JN.1 के सबसे अधिक 215 मामले दर्ज किए गए हैं. आंध्र प्रदेश में 189, महाराष्ट्र में 170, केरल में 154, 96 मामले दर्ज किए गए है. पश्चिम बंगाल में, गोवा में 90, तमिलनाडु में 88 और गुजरात में 76 मामले सामने आए हैं.

तेलंगाना और राजस्थान में ‘जेएन.1’ के 32-32 मामले, छत्तीसगढ़ में 25, दिल्ली में 16, उत्तर प्रदेश में 7, हरियाणा में 5, ओडिशा में 3 और उत्तराखंड तथा नागालैंड में एक-एक मामले दर्ज किए गए हैं. देश में कोविड मामलों की संख्या में वृद्धि और ‘जेएन.1’ उपप्रकार का पता चलने के बीच, केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से निरंतर निगरानी बनाए रखने को कहा है.

राज्यों को Covid​​​​-19 मामलों की बढ़ती प्रवृत्ति का शीघ्र पता लगाने के लिए सभी स्वास्थ्य सुविधाओं से इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी के जिलेवार मामलों की नियमित निगरानी और रिपोर्ट करने के लिए भी कहा गया है.

JN.1 COVID कितना खतरनाक?

ओमिक्रॉन सबवेरिएंट वर्तमान में अमेरिका में 44 प्रतिशत कोविड मामलों के लिए जिम्मेदार है। सीडीसी के पिछले महीने के आंकड़ों से पता चला है कि इसके संचरण की दर केवल दो सप्ताह में दोगुनी हो गई है. जानकारी के अनुसार, यह स्ट्रेन सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए प्रसारित होने वाले अन्य वेरिएंट की तुलना में अधिक बड़ा खतरा नहीं है.

सलाह: बस करिए ये एक उपाय, इन दिनों बढ़ती इन तीन स्वास्थ्य समस्याओं से मिलेगी सुरक्षा

देश में इन दिनों कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 का प्रसार तेजी से बढ़ता देखा जा रहा है। हालिया मीडिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि कोरोना का ये वैरिएंट करीब 16 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों में 1000 से अधिक लोगों को संक्रमित कर चुका है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इस वैरिएंट की प्रकृति जिस प्रकार की है उससे चिंता बढ़ गई है।

कई देशों से प्राप्त हो रही जानकारियों के मुताबिक वहां कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ अस्पताल में मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। इस जोखिम को देखते हुए सभी लोगों को संक्रमण से बचाव को लेकर विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

कोरोना के साथ इन दिनों दिल्ली में ठंड और वायु प्रदूषण भी बड़ी समस्या बनी हुई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी को सावधान करते हुए कहा है कि ठंड और वायु प्रदूषण की स्थिति ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकती है। सभी उम्र के लोगों में इसका जोखिम है, इसलिए सेहत का विशेष ख्याल रखें और बचाव के लिए प्रयास करें।

ठंड-प्रदूषण और कोरोना का खतरा

मसलन अगर आप दिल्ली-एनसीआर में रह रहे हैं तो इन दिनों तीन स्वास्थ्य समस्याएं आपके लिए मुश्किलें खड़ी कर रही हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ, भीषण ठंड के कारण होने वाली बीमारियां और वायु प्रदूषण से स्ट्रोक जैसी जानलेवा समस्या का खतरा। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि इनसे बचाव कैसे किया जा सकता है?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी उम्र के लोगों में इन तीनों समस्याओं का खतरा हो सकता है। इससे बचाव के लिए सबसे कारगर तरीका है, ज्यादा से ज्यादा समय घर-दफ्तर के भीतर बिताना। इस एक उपाय से न सिर्फ आप कोरोना के खतरे को कम कर सकते हैं, साथ ही ठंड और प्रदूषण से भी सुरक्षित रह सकते हैं।

इनडोर प्रदूषण भी कम करें

डॉक्टर्स कहते हैं, बढ़ती बीमारियों से बचाव के लिए घर के भीतर या ऑफिस में अधिक से अधिक समय बिताना लाभकारी है पर ध्यान रहे वहां पर वेंटिलेशन की अच्छी व्यवस्था जरूर हो। वेंटिलेशन न होने से इनडोर प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है और ये आपमें कोरोना और श्वसन समस्याओं के जोखिमों को और भी बढ़ा सकती है।सुनिश्चित करें जिस स्थान पर आपका अधिक समय बीत रहा है वहां हवा के आने-जाने की उचित व्यवस्था हो। 

मास्क पहनने की बनाएं आदत

हालांकि घर के भीतर रहना सभी के लिए संभव नहीं है। जो लोग फील्ड की जॉब करते हैं उन्हें दिन का अधिकतर समय घर-ऑफिस के बाहर गुजारना होता है। ऐसे लोगों के लिए डॉक्टर्स की सलाह है कि सबसे पहले ठंड से बचाव के लिए शरीर को अच्छी तरह से ढककर रखें। इसके साथ घर से बाहर जाते समय मास्क का प्रयोग जरूर करें। मास्क के इस्तेमाल से न सिर्फ कोरोना के खतरे को कम करने में मदद मिलती है साथ ही हवा में मौजूद प्रदूषकों से भी ये सुरक्षित रखने में सहायक है।

मास्क के कई फायदे

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इन दिनों घर से बाहर जाते समय मास्क पहनना बहुत आवश्यक है। N95 जैसे प्रभावी मास्क हवा से प्रदूषकों को आसानी से फिल्टर करने में मदद करते हैं, साथ ही कोरोना के प्रसार को कम करने में भी इससे लाभ हो सकता है।

दिल्ली में हवा की गुणवत्ता पिछले कुछ महीनों से लगातार खराब बनी हुई है जिसके कारण श्वसन रोग और स्ट्रोक जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम अधिक हो सकता है। इन सभी जोखिमों को कम करने में मास्क का इस्तेमाल करना बहुत लाभकारी हो सकता है।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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