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मनुष्य की सभी इच्छाओं को पूरा करती है श्रीमदभागवत कथा : अपर्णा जी नागदा

मन्दसौर Published by: Pulkit Purohit-Vishal Purohit Updated Tue, 23 Feb 2021 02:20 AM
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मंदसौर । कदम आश्रम बेहपुर, चांदाखेड़ी खजुरिया सारंग नगर के मध्य में संत श्री रोटीराम जी महाराज ग्रामीण गौशाला में श्रीमदभागवत पुराण का आयोजन जारी है। कथा वाचक अपर्णा जी नागदा मेनारिया शामगढ से पधारी जिनके द्वारा कथा सुनाई जा रही है। कथा के दूसरे दिन कथावाचक अपर्णा जी ने बताया कि श्रीमदभागवत कथा मनुष्य की सभी इच्छाओं को पूरा करती है। यह कल्पवृक्ष के समान है। इसके लिए मनुष्य को निर्मल भाव से कथा सुनने और सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। अपर्णा जी ने कहा कि भागवत कथा ही साक्षात कृष्ण है और जो कृष्ण है, वही साक्षात भागवत है। भागवत कथा भक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है। भागवत की महिमा सुनाते हुए कहा कि एक बार नारदजी ने चारों धाम की यात्रा की, लेकिन उनके मन को शांति नहीं हुई। नारदजी वृंदावन धाम की ओर जा रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि एक सुंदर युवती की गोद में दो बुजुर्ग लेटे हुए थे जो अचेत थे। युवती बोली महाराज मेरा नाम भक्ति है। यह दोनों मेरे पुत्र है। इनके नाम ज्ञान और वैराग्य है। यह वृंदावन में दर्शन करने जा रहे थे। लेकिन बृज में प्रवेश करते ही यह दोनों अचेत हो गए। बूढ़े हो गए, आप इन्हें जगा दीजिए। इसके बाद देवर्षि नारदजी ने चारों वेद, छहों शास्त्र और 18 पुराण व गीता पाठ भी सुना दिया लेकिन वह नहीं जागे। नारद ने यह समस्या मुनियों के समक्ष रखी। ज्ञान, वैराग्य को जगाने का उपाय पूछा। मुनियों के बताने पर नारदजी ने हरिद्वार धाम में आनंद नामक तट पर भागवत कथा का आयोजन किया। मुनि कथा व्यास और नारदजी मुख्य परीक्षित बने। इससे ज्ञान और वैराग्य प्रथम दिवस की ही कथा सुनकर जाग गए। उन्होंने कहा किए गलती करने के बाद क्षमा मांगना मनुष्य का गुण है, लेकिन जो दूसरे की गलती को बिना द्वेष के क्षमा कर दे वो मनुष्य महात्मा होता है। इसके जीवन में श्रीमदभागवत की बूंद पड़ी उसके हृदय में आनंद ही आनंद होता है। भागवत को आत्मसात करने से ही भारतीय संस्कृति की रक्षा हो सकती है। भगवान को कहीं खोजने की जरूरत नहीं वह हम सबके हृदय में मौजूद हैं। अगर जरूरत है तो सिर्फ महसूस करने की जरूरत हैं। 

● पालीवाल वाणी ब्यूरों-Pulkit Purohit-Vishal Purohit...✍️

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