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महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते हुए केस को देखते हुए सार्वजनिक जगहों पर मास्क अनिवार्य : क्या चौथी लहर का संकेत है...?

महाराष्ट्र Published by: Paliwalwani Updated Sun, 05 Jun 2022 12:02 AM
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महाराष्ट्र : मुंबई में कोरोना के बढ़ते हुए केस को देखते हुए सार्वजनिक जगहों पर मास्क जरूरी कर दिया गया है, चौबीस घंटे में मुंबई में कोरोना के करीब 800 नए  केस सामने आए हैं. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने अधिकारियों को कोरोना जाँच में तेजी लाने के लिए कहा है। सार्वजनिक जगहों पर मास्क ज़रूरी कर दिया गया है। केरल में दो महीने बाद पहली बार हर रोज़ 1000 से ज़्यादा केस आने लगे हैं। और संक्रमण के बढ़ते मामलों से चिंतित केंद्र सरकार ने पाँच राज्यों को चिट्ठी लिखकर सचेत किया है। तो क्या भारत में कोरोना की नयी लहर आने की आशंका है? क्या आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं का आकलन सही होने जा रहा है...?

चौथी लहर अगले 4 महीने में यानी जून में आ सकती है...!

आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं ने फरवरी महीने में एक आकलन में कहा था कि देश में कोरोना की चौथी लहर अगले 4 महीने में यानी जून में आ सकती है। यह लहर 4 महीने तक रह सकती है। शोध में दावा किया गया कि भारत में जून के मध्य से जून के अंत तक चौथी लहर आ सकती है। अध्ययन का नेतृत्व आईआईटी कानपुर के गणित विभाग के सबरा प्रसाद राजेशभाई, सुभरा शंकर धर और शलभ ने किया है। अध्ययन को MedRxiv में प्री-प्रिंट के रूप में प्रकाशित किया गया।

देश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी 2020 को आया 

शोधकर्ताओं ने कहा था कि डेटा बताते हैं कि भारत में कोरोना की चौथी लहर प्रारंभिक डेटा उपलब्ध होने की तारीख़ से 936 दिनों के बाद आएगी। देश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी, 2020 को आया था। शोध में कहा गया है कि गंभीरता देश भर में टीकाकरण की स्थिति, कोरोना के नये वैरिएंट की प्रकृति पर निर्भर करेगी। तो क्या शोध का अनुमान अब सच होने जा रहा है? देश में कोरोना मामलों में वृद्धि से चिंतित केंद्र सरकार ने पांच राज्यों- तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, महाराष्ट्र और कर्नाटक को पत्र लिखा है। केंद्र का मानना है कि इन राज्यों में कोरोना स्थानीय स्तर पर तेजी से फैल रहा है। 

राज्य को सख़्त निगरानी बनाए रखनी चाहिए 

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने लिखा है, 'महामारी के ख़िलाफ़ लड़ाई में अब तक मिले लाभ को गँवाए बिना सार्वजनिक स्वास्थ्य पर जोखिम मूल्यांकन-आधारित दृष्टिकोण अपनाने की ज़रूरत है... यह ज़रूरी है कि राज्य को सख़्त निगरानी बनाए रखनी चाहिए और संक्रमण के किसी भी उभरते प्रसार को नियंत्रित करने के लिए यदि आवश्यक हो तो पहले से ही क़दम उठाने चाहिए।

फोटो सोशल मीडिया

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