एप डाउनलोड करें

छुट्टी के लिए अजीब पत्र - ओवैसी पिछले जन्म का दोस्त और मोहन भागवत शकुनि मामा, पत्र का सीईओ के भी दिया मजेदार जवाब

मध्य प्रदेश Published by: Paliwalwani Updated Thu, 14 Oct 2021 11:20 AM
विज्ञापन
Follow Us
विज्ञापन

वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें

मध्यप्रदेश। आगर मालवा जिले के सुसनेर जनपद में पदस्थ इंजीनियर राजकुमार यादव ने छुट्टी के लिए एक अजीब कारनामा किया है. राजकुमार ने अपने सीनियर अफसर को छुट्टी के लिए आवेदन दिया था. राजकुमार ने अपने आवेदन में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष असद्दुदीन ओवैसी को अपने अपना पिछले जन्म का दोस्त बताया और RSS प्रमुख मोहन भागवत को ‘शकुनी मामा’ बताया है.

यह भी पढ़े : Government sceme : इस स्कीम में कीजिए निवेश दस हज़ार प्रति माह का मिलेगा रिटर्न

 यह भी पढ़े : इंटरनेट से 5 मिनट में शुरू कर सकते हैं पैसा कमाना, जाने कैसे करें कमाई

छुट्टी के लिए अजब इंजीनियर का गजब आवेदन

इंजीनियर ने लिखा है कि ‘ मैं प्रार्थी राजकुमार सिंह यादव आपकी जनपद पंचायत सुसनेर में उपयंत्री के पद पर पदस्थ हूं, मैं रविवार को जनपद के किसी कार्य में उपस्थित नहीं हो पाऊंगा क्योंकि मुझे कुछ दिन पहले आभास हुआ है कि आत्मा अमर होती है. इंजीनियर ने आगे आवेदन में लिखा कि मुझे अपने पिछले जन्म का भी आभास हुआ है’.ओवैसी को बताया दोस्त, मोहन भागवत को बताया शकुनि मामाइंजीनियर ने पत्र में आगे लिखा कि ‘असदुद्दीन ओवैसी मेरे पिछले जन्म के सखा नकुल थे और मोहन भागवत शकुनि मामा. इसलिए मैं अपने जीवन को जानने के लिए गीता पाठ करना चाहता हूं. मैं हर रविवार के दिन अपने अंदर के अहंकार को मिटाने के लिए एक गेहूं का दाना घर-घर जाकर भीख मांगकर इकट्ठा करूंगा, ये मेरी आत्मा का सवाल है. मैं समझता हूं कि आप मुझे प्रत्येक रविवार की छुट्टी देने की कृपा करेंगे’.

यह भी पढ़े : LIC की पॉलिसी पर इस तरह ले सकते हैं पर्सनल लोन, नहीं चुकानी पड़ेगी EMI

यह भी पढ़े : कुंडली के हिसाब से ही धारण करना चाहिए धातु : आइए जानते हैं

सीईओ ने उसी भाषा में दिया जवाब

इंजीनियर ने इस आवेदन को ऑफिशियल ग्रुप में पोस्ट किया था. इसके बाद सुसनेर के सीईओ पराग पंथी ने उसी अंदाज में उन्हें जवाब दिया है. उन्होंने ग्रुप में लिखा कि प्रिय उप यंत्री, आप अपना अहंकार मिटाना चाहते हैं, यह जानकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई है. व्यक्ति अहंकार से वशीभूत होकर यह सोचता है कि वह अपने रविवार को अपनी इच्छा से बिता सकता है. इस अहंकार को इसके बीजरूप में नष्ट करना आपकी उन्नति के लिए अपरिहार्य है.आपकी आत्मिक उन्नति की अभिलाषा को दृष्टिगत रखते हुए आपको आदेशित किया जाता है कि आप प्रत्येक रविवार को कार्यालय में उपस्थित रहकर कार्य करें, जिससे रविवार को अवकाश मनाने के आपके अहंकार का नाश हो सके. आपकी आत्मिक उन्नति में साधक बनने की प्रसन्नता के साथ.

यह भी पढ़े : Old Coin Collection : बेकार न समझे इन पुराने सिक्को को, घर बैठे बना सकते है आपको लाखो का मालिक

यह भी पढ़े : इन गलतियों को करने से बचे, ये आपको दरिद्र बना सकती है...

और पढ़ें...
विज्ञापन
Next