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झगड़ा प्रथा : शादी नहीं हुई तो लड़की के भाई को किया किडनैप, कहा- या तो शादी करो या पैसे दो तभी लड़का मिलेगा...

मध्य प्रदेश Published by: Paliwalwani Updated Tue, 17 Aug 2021 05:59 PM
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गुना में झगड़ा प्रथा का अलग तरह का मामला सामने आया है। यहां एक व्यक्ति ने अपनी बेटी की शादी तय कर दी तो वह घर से भाग गई। इससे नाराज लड़के वालों ने लड़की के भाई को बंधक बना लिया। उन्होंने शर्त रखी कि लड़की को लेकर आओ और शादी कराओ। लड़की से शादी नहीं कराते हो तो झगड़ा (शादी नहीं करने के एवज में पैसा) दो, तभी लड़का मिलेगा। लड़की वालों की शिकायत पर पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।

आरोन क्षेत्र के मरेठिया गांव निवासी बापूलाल (55) पिता अमर सिंह भील ने 26 जुलाई 2020 को बेटे के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। उसका कहना था कि उसके 8 बच्चे हैं। इनमें से 4 की शादी हो चुकी है। एक लड़की की शादी करीब डेढ़ महीने पहले सावन भादौ गांव के फूल सिंह के लड़के से तय की थी। रिश्ता तय होने के कुछ दिन बाद बेटी बिना बताए कहीं चली गई। पता चला कि वह राजस्थान की ओर गई है। मैंने इस संबंध में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई थी।

लड़की के कहीं चले जाने की बात जब फूल सिंह को पता चली तो वह मेरे घर आया। उसके साथ रमेश, पूरन, सुल्तान, करण सिंह और मोहर सिंह भी थे। उन्होंने मेरे बेटे शिवराज से कहा कि गौमुख सिद्ध बाबा के पास पंचायत में चलना है। इसके बाद वे मेरे बेटे को फूल सिंह के घर ले गए। उन्होंने मेरे बेटे को बंधक बना लिया और समाज के लोगों से संदेशा भिजवाया कि जब तक उन्हें लड़की नहीं मिलेगी, वे लड़के को नहीं लौटाएंगे।

बापूलाल का कहना है कि उसने बेटे को छुड़ाने की गुहार पंचायत से भी लगाई। कुछ दिनों बाद तो फूल सिंह ने पंचायत मे आना ही बंद कर दिया। वह बोला कि ऐसे लड़का नहीं देगा। या तो लड़की लाकर दो या झगड़ा तोड़ो। इसके बाद उसने 6 लोगों पर अपहरण का मामला दर्ज करवाया।पुलिस ने सावन भादौ गांव में दबिश देकर बापूलाल के बेटे को छुड़ाया। आरोपी मौके से फरार हो गए थे। कुछ दिनों बाद एक आरोपी गिरफ्त में आ गया।

झगड़ा' कुप्रथा क्या है 

मध्यप्रदेश के मालवांचल में 'झगड़ा' की मूल जड़ बाल विवाह है। बचपन में ही लड़की की शादी कर दी जाती है। बालिग होने पर बच्चियों को ससुराल भेजा जाता है। अब अगर ऐसे में लड़की ससुराल जाने से इनकार कर दे या लड़का ही लड़की को रखने से मना कर दे तो दोनों ही स्थिति में आफत लड़की वालों पर टूटती है। रिश्ता खत्म करने के बदले लड़के वाले पंचायत बुलाकर मोटी रकम मांगते हैं। लड़की वालों पर दबाव बनाने के लिए लड़के वाले लड़की के गांव में फसलों और घरों में आग तक लगा देते हैं। ये छूट उन्हें समाज की पंचायत ही देती है। इतना ही नहीं, गांव के जिन लोगों का नुकसान होता है, वो भी लड़के वालों की पैरवी करते हैं और अपने नुकसान की भरपाई लड़की वालों से ही मांगते हैं। हालांकि, इस मामले में बचपन में शादी नहीं हुई है।

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