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मध्यप्रदेश में अब बगैर लाइसेंस और मिलावटी दूध बेचने वालों की खैर नहीं

मध्य प्रदेश Published by: paliwalwani Updated Fri, 15 Dec 2023 10:44 PM
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मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने दूध में मिलावट करने वालों और बगैर लाईसेंस के दूध बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए है। दरअसल, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में नागरिक उपभोक्ता मंच के पीजी नाजपांडे द्वारा 2017 में एक जनहित याचिका दायर की थी। जनहित याचिका में कहा गया था कि जबलपुर सहित पूरे मध्यप्रदेश में विक्रेताओं के द्वारा दूध में मिलावट करके आम नागरिकों की जान के साथ खिलवाड़ कर मुनाफाखोरी किया जा रहा है।

क्या है पूरा मामला

याचिका में यह भी बताया गया कि बगैर लाईसेंस के दूध का विक्रय किया जा रहा है। प्रदेश सरकार इस पर नियंत्रण करने में असफल रही है। जनहित याचिका के आधार पर हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किये गए थे। याचिका दायर होने पर प्रशासन ने कार्रवाई की गई थी दोषी पाए गए विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की और से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने हाईकोर्ट के समक्ष आपत्ति प्रस्तुत करते हुए प्रदेश सरकार को सतत कार्रवाई के लिए हाईकोर्ट से निवेदन किया था। मप्र हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार को अतिरिक्त शपथ पत्र प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे। आदेश के परिपालन में प्रदेश सरकार ने मप्र हाईकोर्ट में शपथ पत्र प्रस्तुत कर पिछले 5 वर्ष में की गई कार्रवाई का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया।

प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत ब्योरे पर चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और विशाल मिश्रा की डबल बैंच ने सुनवाई करते हुए नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच द्वारा शपथ पत्र को अभिलेख पर लेते हुए याचिका निराकृत कर दी। प्रदेश सरकार ने शपथ पत्र में दूध में मिलावट करने वाले और बगैर लाईसेंस के दूध बेचने वालों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई के आधार पर याचिका निराकृत कर दी है।

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