जयपुर :
गृह विभाग की एडवाइजरी में सुबह शाम पतंगबाजी पर रोक लगाने के पीछे पतंग उड़ाने में चाइनीज मांझा, प्लास्टिक, सिन्थेटिक मांझा, आयरन, ग्लास के धागों का उपयोग करने से पक्षियों और आम लोगों के जीवन पर खतरे का हवाला दिया गया है। प्रदेश में पिछले दिनों कई जगहों पर चाइनीज मांझे से गला कटने की घटनाएं हो चुकी हैं।
राजस्थान हाईकोर्ट ने 22 अगस्त 2012 में ही सुबह 6 से 8 और शाम को 5 से 7 बजे तक पतंगबाजी पर रोक लगाने का आदेश दिया था। इसके साथ प्लास्टिक और चाइनीज मांझे की बिक्री और उपयोग पर भी रोक लगाने के आदेश दिए थे। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेशों का जिक्र करते हुए एडवाइजरी जारी की है। सूत्र बताते हैं कि प्रतिबंधित समय में पतंग उड़ाते अगर कोई मिलता है तो उसकी गिरफ्तारी भी हो सकती है।
गृह विभाग की एडवाइजरी के बाद अब सभी कलेक्टर अपने स्तर पर अलग से आदेश जारी करके इसकी पालना करवाएंगे। सुबह शाम पतंगबाजी करने वालों पर अब पुलिस नजर रखेगी। सुबह 6 से 8 बजे तक और शाम 5 से 7 बजे के पीरियड में पतंग उड़ाना धारा 144 के प्रावधानों का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसा करने पर पुलिस कार्रवाई करेगी।
आयरन, ग्लास और सिंथेटिक से बने चाइनीज मांझे की बिक्री और उपयोग पर रोक है। बावजूद इसके मकर सक्रांति से पहले पतंगबाजी के सीजन में इसकी चोरी-छिपे बिक्री की सूचनाएं मिलती रहती हैं। तमाम जिलों में चाइनीज मांझे खुलेआम बिक रहे हैं। रोज लोग इसकी चपेट में आकर घायल हो रहे हैं।
राजस्थान के विभिन्न शहरों में चाइनीज मांझे के कारण लोग लहूलुहान होने लगे हैं। रोक के बावजूद बाजारों में धड़ल्ले से ये मांझे बिक रहे हैं। कोटा, झुंझुनूं सहित कई शहरों में चाइनीज मांझे की चपेट में आकर लोगों के घायल होने की खबरें आने लगी हैं। कुछ दिन पहले की बात है। कोटा में बाइक सवार युवक का चेहरा बुरी तरह चाइनीज मांझे से कट गया था। झुंझुनूं में छात्रा मांझे की चपेट में आ गई थी। उसका गला कट गया था। इसी तरह सीकर में एक व्यापारी की जान पर बन आई थी। उनके गले में 7 टांकें लगाने पड़े थे।