जयपुर :
बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक जयपुर में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बीजेपी नेताओं को दो टूक कहा कि MLA नहीं नेता बनो। ज्यादा हवा में मत उड़ो, पार्टी संगठन के लिए जी जान से काम करो। इससे ज्यादा महत्वाकांक्षा मत रखो। जो फल मिलना है वो पार्टी दे ही देगी। नड्डा ने पार्टी नेताओं से कहा-जब लोगों से बातचीत करो,तो 60उनकी बात को सुनो 40बोलो। इससे लोगों के मन में आपके लिए एक अच्छा विचार बनेगा।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जयपुर के ईपी में राजस्थान प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में बीजेपी के नेताओं से कहा कि एमएलए नहीं नेता बनने के लिए पार्टी का काम करो। मन में महत्वाकांक्षा मत रखो। चुनावी साल में प्रदेश से कांग्रेस सरकार को उखाड़ना है तो एकजुट होकर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर अब लड़ना होगा।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी नेताओं से कहा अब वक्त आ गया है हाउस टू हाउस लोगों से जनसंपर्क करो। ढोल बजाकर रैली निकलने से कुछ नहीं होगा। लोगों से व्यक्तिगत जुड़ाव बनाना होगा। प्रदेश में लोगों से ज्यादा से ज्यादा मेलजोल बढ़ाओ और उनके घर आना-जाना शुरू करो। केंद्र की मोदी सरकार की उपलब्धियों और जनहित की योजनाओं को राजस्थान की जनता के बीच ले जाने के निर्देश जेपी नड्डा दे दिए। उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा ज्यादा से ज्यादा प्रवास और दौरे के कार्यक्रम किए जाएं। आम जनता को केंद्र सरकार की जनहित की योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी दी जाए। लाभार्थी वर्ग से ज्यादा से ज्यादा टच में रहा जाए।
नड्डा बोले- सभी नेता और कार्यकर्ताओं को अपने बूथ की बारीक से बारीक जानकारी होनी चाहिए। जैसे कि बूथ में टोटल कितने वोट हैं, किस जाति के कितने वोट हैं, महिला कितनी हैं, एससी-एसटी और अन्य वर्ग के कितने वोट हैं, युवा वोटर कितने हैं ,नव मतदाता कितने हैं। यह तमाम जानकारियां कार्यकर्ता को होनी चाहिए। अगर यह जानकारी नहीं है तो इसका मतलब आपकी उस बूथ पर पकड़ कमजोर है और आपके कार्यकर्ता निष्क्रिय हैं। इसलिए सक्रियता चुनाव में बेहद जरूरी है। नड्डा ने बूथ लेवल कमेटी, पन्ना प्रमुख और वोटर लिस्ट के पेज पर वर्क करने के भी निर्देश दिए।
अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राजस्थान बीजेपी के नेताओं को एकजुटता का मंत्र दिया। उन्होंने कहा सभी नेताओं को एकमुखी होकर और एकजुट होकर लड़ना होगा । तब जाकर पार्टी की ताकत बढ़ेगी और आप कांग्रेस सरकार से लड़ पाओगे ।जनता में इससे सकारात्मक संदेश जाएगा। केवल एंटी इनकंबेंसी के भरोसे नहीं बैठे रहना है। सड़क पर उतरकर आंदोलन करना होगा।