नई दिल्ली. आईआरसीटीसी का शेयर Split होने के बाद आज यानी गुरुवार के शुरुआती कारोबार में एनएसई पर 19से अधिक उछलकर ₹983 प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा था। Stock Split के बाद कंपनी के एक शेयर पांच शेयर में विभाजित हो गए हैं। इसका मतलब यह है कि अगर आपके पास आईआरसीटीसी के 10 शेयर रहे होंगे तो वे 50 शेयर हो गए हैं। बता दें बुधवार को कंपनी के शेयर 4100 के ऊपर क्लोज हुए थे। 11:45 बजे यह स्टॉक 140.95 (17.06) की छलांग के साथ 967.00 रुपये पर कारोबार कर रहा था।
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) का शेयर क्योंकि आज स्टॉक एक्स-स्प्लिट ट्रेड कर रहा है। 10 रुपये के इक्विटी शेयरों को 2 रुपये रेट से प्रत्येक के पांच इक्विटी शेयरों में उप-विभाजन के लिए रिकॉर्ड तिथि 29 अक्टूबर शुक्रवार को निर्धारित की गई है। अपनी पहली तिमाही की आय की घोषणा करते हुए, आईआरसीटीसी ने अपनी स्टॉक स्प्लिट योजनाओं का ऐलान किया था। बोर्ड ने 1:5 स्टॉक विभाजन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
बता दें स्टॉक स्प्लिट मौजूदा शेयरधारकों को अधिक शेयर जारी करके बकाया शेयरों की संख्या को बढ़ाता है। स्टॉक स्प्लिट व्यक्तिगत शेयरों के बाजार मूल्य को कम करता है, हालांकि, कंपनी के बाजार पूंजीकरण में परिवर्तन नहीं होता है। प्रोफिशिएंट इक्विटीज लिमिटेड केसंस्थापक और निदेशक मनोज डालमिया ने कहा, “आईआरसीटीसी का स्टॉक तकनीकी रूप से भी मजबूत दिख रहा है क्योंकि यह पिछले ब्रेकआउट के पास समर्थन ले रहा है। निवेशक स्टॉक को खरीद सकते हैं, क्योंकि कम कीमत से यह सस्ता दिखेगा, इसलिए स्टॉक की डिमांड बढ़ेगी। "
पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं के लिए सेबी में रजिस्टर्ड ग्रीन पोर्टफोलियो के सह-संस्थापक दिवाम शर्मा कहते हैं, "हालांकि आईआरसीटीसी एक मौलिक रूप से मजबूत स्टॉक है, लेकिन स्टॉक की कीमत में हालिया गिरावट के बाद भी मौजूदा मूल्यांकन बहुत अधिक है। मौजूदा निवेशकों को अपने स्टॉक को बनाए रखना चाहिए, जबकि नए निवेशकों को कोई भी नई स्थिति लेने से पहले मूल्यांकन के सही होने का इंतजार करना चाहिए।"
अक्टूबर 2019 में सूचीबद्ध होने के बाद से भारतीय रेलवे का यह पीएसयू स्टॉक अपने शेयरधारकों को शानदार रिटर्न दे रहा है। मार्केट एक्सपर्ट के मुताबिक, स्टॉक स्प्लिट के जरिए कंपनी अपने आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या बढ़ाती है और वर्तमान शेयरधारकों को अधिक शेयर मिल जाते हैं। इसका प्रमुख लक्ष्य छोटे निवेशकों के लिए पूंजी बाजार में तरलता बढ़ाने, शेयरधारक आधार को चौड़ा करने और छोटे निवेशकों को आकर्षित करना होता है।