अडानी ग्रुप अपना व्यापार तेजी से फैला रहा है। अब अडानी ग्रुप अपनी कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के लिए रियल्टी डेवलपर के रहेजा कॉर्पोरेशन के नवी मुंबई के ऐरोली इलाके में 92 एकड़ में फैले दो भूखंडों को खरीदने की तैयारी कर रही है। कंपनी इस जमीन को करीब 1,500 करोड़ रुपए में अधिग्रहण करेगा। अडानी दोनों भूमि पार्सल को अडानीकोनेएक्स को हस्तांतरित करेगा, जो डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए खरीद रहा है।
गौरतलब है कि डेटा सेंटर अडानी एंटरप्राइजेज और यूएस-आधारित वर्ल्ड हाइपरस्केल डेटा सेंटर प्रदाता EdgeConneX के बीच करार किया है। ऊपर बताए गए लोगों में से एक ने कहा कि सौदे से संबंधित अधिकांश प्रक्रियाओं और दस्तावेजों को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है और लेनदेन अगले कुछ हफ्तों में समाप्त होने की संभावना है।
फरवरी 2021 में, अडानी ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज ने पूरे भारत में डेटा केंद्रों को विकसित और संचालित करने के लिए EdgeConneX के साथ 50:50 करार किया था। इसके तहत कंपनी चेन्नई, नवी मुंबई, नोएडा, विजाग और हैदराबाद बाजारों से शुरू होकर देश भर में हाइपरस्केल डेटा सेंटरों का नेटवर्क स्थापित करना शामिल है। अडानी ग्रुप का प्लान अगले दशक तक 1 GW डेटा सेंटर विकसित करना है।
पिछले सप्ताह अडानी पावर ने घोषणा की कि वह 27 जुलाई को अपनी आगामी वार्षिक आम बैठक के दौरान अडानी कोनेक्स के साथ 5,000 करोड़ रुपए तक के प्रस्तावित संबंधित पार्टी लेनदेन के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मांगेगा। इस लेनदेन में अडानी पावर अपने विशेष प्रयोजन वाहन को बेच रही है। AdaniConnex, अडानी पावर की एक अप्रत्यक्ष सहयोगी कंपनी है और चालू वित्त वर्ष में दर्ज किए जाने वाले लेनदेन का कुल मूल्य 5,000 करोड़ रुपए तक है।
अडानी पावर ने अपने AGM नोटिस में स्पष्ट किया है कि वह नई बुनियादी ढांचा विकास सुविधाओं की सुविधा प्रदान कर सकती है। इसके साथ, कंपनी औद्योगिक बिजली खपत केंद्रों को बिजली समाधान और संबंधित बुनियादी ढांचा प्रदान कर सकती है, जो आईटी / आईटीईएस पार्क, डेटा सेंटर और टाउनशिप जैसी भूमि पर स्थापित हैं। खासकर जहां बिजली की खपत की आवश्यकताएं महत्वपूर्ण होने की संभावना है।
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, डेवलपर ने कैबोट कॉरपोरेशन की 30 एकड़ जमीन को दिसंबर 2015 में करीब 200 करोड़ रुपये में खरीदा था, जबकि 62 एकड़ में फैले स्टैंडर्ड इंडस्ट्रीज के भूखंड का अधिग्रहण काफी बाद में किया गया था। भारत में डेटा सेंटर विश्व संस्थागत निवेशकों और डेवलपर्स के लिए सबसे बड़ा आकर्षक का केंद्र होगा। अब तक, देश में डेटा केंद्रों के विकास के लिए कुल 13.5 बिलियन डॉलर से अधिक के निवेश की योजना बनाई गई है।