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साधना नगर में चल रहे जैनत्व बाल संस्कार शिविर का आज समापन

इंदौर Published by: sunil paliwal-Anil paliwal Updated Sun, 01 May 2022 03:41 AM
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आज रवीन्द्र नाट्य गृह में कानजी स्वामी का जन्म जयंती महोत्सव भी

इंदौर : जैन धर्म के मूल सिद्धांत हैं - सच्ची श्रद्धा, सच्चा ज्ञान और सच्चा आचरण। इन तीनों की त्रिवेणी ही सच्चे मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करती है। जिस तरह रस्सी तीन धाराओं से मिलकर मजबूत होती है, जिसकी मदद से ऊपर चढ़ा जा सकता है, उसी तरह श्रद्धा, ज्ञान और आचरण की पवित्रता से ही जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है।

एयरपोर्ट रोड, साधना नगर स्थित पंच बालयति जिनालय पर चल रहे जैनत्व बाल संस्कार शिक्षण शिविर में देशभर से आए विद्वानों ने उक्त बातें बताई। जैन समाज के इतिहास में पहली बार इस शिविर में नमः समय साराय... से प्रारंभ होने वाली कक्षाओं का आयोजन कर ‘समयसार ग्रंथ’ का अध्ययन भी 6 वर्ष के बच्चों से लेकर 22 वर्ष तक के युवकों को कराया जा रहा है। शिविर संयोजक विजय बड़जात्या एवं पं. तेजकुमार गंगवाल ने बताया कि शिविर में विभिन्न विषयों पर पं. अशोक शास्त्री, पं. रीतेश शास्त्री, पं. अशोक जैन, पं. सौरभ शास्त्री एवं पं. गौरव शास्त्री ने करीब 500 बच्चों को धर्म, संस्कृति के साथ जीवन जीने की कलाओं का प्रशिक्षण भी दिया। सामूहिक कक्षाओं में जिनेन्द्र अभिषेक विधि पूजा, णमोकार महामंत्र के महत्व, तीर्थंकर और उनके चिन्हों आदि की जानकारियां भी दी गई। आज जैन धर्म के मर्मज्ञ पं. रमेशचंद्र बांझल के प्रवचनों का लाभ हर आयु वर्ग के विद्यार्थियों को मिला। आज सभी बच्चों के लिए परीक्षा का आयोजन भी हुआ, जिसके परिणाम रविवार को रवीन्द्र नाट्य गृह में आयोजित समापन समारोह में घोषित किए जाएंगे।

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