इंदौर : ब्रह्माकुमारीज संस्थान के इंदौर जोनल मुख्यालय की ओर से आयोजित तीन दिवसीय दिव्य प्रभु समर्पण समारोह के दूसरे दिन रविवार को वरिष्ठ ब्रह्माकुमारी बहनों का सम्मान किया गया। समारोह में समर्पित होने वाली बेटियों का हाथ माता-पिता ने मुंबई से आयीं ब्रह्माकुमारीज की घाटकोपर सबजोन की निदेशिका डॉ. बीके नलिनी दीदी के हाथों में सौपा।
मुख्य अतिथि डॉ. बीके नलिनी दीदी ने कहा कि आज तो यह दृश्य देखकर परमात्मा भी खुश होंगे और अपने वरदान लुटा रहे होंगे। एक साथ इतनी बहनें उनके कार्य में सहयोगी बनेंगी। आप सभी परमात्मा की शक्ति शिवशक्तियां हो, सदा इस स्वरूप को याद रखना। आप साधारण नहीं हो, क्योंकि स्वयं परमात्मा को जीवनसाथी बनाया है, वह कभी साथ नहीं छोड़ता है। शिव साजन ज्ञान का सागर, पवित्रता का सागर, शांति का सागर, दुःखहर्ता-सुखकर्ता है। आज माता-पिता की लाङलियां विश्व की सेवा के लिए अपने कदम बढ़ा रहीं हैं। आप सभी परमात्मा के बताए मार्ग पर चलकर अपना, अपने परिवार का नाम रोशन करें।
मीडिया विंग के नेशनल कोऑर्डिनेटर मुंबई से आये बीके निकुंज भाई ने कहा कि इंदौर में आदरणीय आरती दीदी ने सैकड़ों बहनों को आध्यात्मिक जीवन जीने के लिए प्रेरित किया है। साथ ही हजारों परिवार आज आपका मार्गदर्शन प्राप्त कर अपना जीवन सुख शांतिमय व्यतीत कर रहे हैं।
इंदौर जोन की निदेशिका बीके आरती दीदी ने कहा कि परमात्मा को प्यार करना सहज नहीं है। जब हम त्याग-तपस्या के मार्ग पर आगे बढ़ते हैं तो वह भी हमारी परीक्षा लेता है। हमें सोने की जंजीरों के समान माया भिन्न भिन्न रूपों में आती है। इसलिए हमारा आकर्षण आपस में जायेगा तो परीक्षाएं उत्पन्न होंगी। परमात्मा शिव बाबा हमेशा कहते हैं कि देह सहित देह के सर्व संबंधों को भूल एक मुझ पारलौकिक परमात्मा की निरंतर याद में रहो तो में तुम्हें सर्व कष्ट से मुक्त कर दूँगा।
विशेष अतिथि समाजसेवी सिंधु मेढके ने कहा कि जब भी जीवन में कोई मुश्किल आयी तो प्यार से परमात्मा को याद किया और वह दूर हो गयी। आज परमात्मा पिता के आशीर्वाद से ही जीवन सुख-शान्तिमय बन गया है। सभी के लिए राजयोग मेडिटेशन जरूर सीखना चाहिए। मप्र ग्वालियर खंडपीठ के पूर्व न्यायमूर्ति बीडी राठी, बीके नारायण भाई ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन बिलासपुर से आयीं बीके राखी दीदी और बीके आशा दीदी ने किया।
समारोह में तीन राज्यों से छह हजार से अधिक लोग भाग लेने पहुँचे। पूरा परिसर खचाखच भरा रहा। सभी कुमारियों को आज फूलों से बन्धनबारे के साथ स्टेज पर ले गए। समापन पर सभी का ब्रह्मा भोजन किया गया।