इंदौर : इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह के कथन पर जिला प्रशासन द्वारा फर्जी पत्रकारों पर नकेल कसते हुए रासुका की उचित कार्यवाही के बाद से फर्जी पत्रकारों में दशहत और भय उत्पन होना शुरू हो गया. जिला प्रशासन की मुहिम पर इंदौर प्रेस क्लब भी ऐसे पत्रकारों के खिलाफ आगे आया है, जो प्रेस की आड़ में आम जनता और व्यपारीयों को डरा-धमका कर प्रेस वालों को बदनाम कर रहे थे. ऐसे फर्जी पत्रकारों के खिलाफ प्रेस क्लब ने शानदार और सार्थक पहल की. इंदौर प्रेस क्लब अध्यक्ष श्री अरविंद तिवारी ने पालीवाल वाणी को बताया कि “कुछ लोगों द्वारा खुद को पत्रकार बताकर पत्रकारिता के नाम पर कई संस्थानों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों और लोगों को डरा-धमका कर ब्लैकमेल किया जा रहा है. ऐसे लोग वीडियो या ऑडियो के साथ खबरें वायरल करने के नाम पर रुपए-पैसों की मांग कर रहे हैं एवं अवैध वसूली जैसे अनैतिक कार्य कर पत्रकारिता को बदनाम कर रहे हैं.” उनके अनुसार इनमें से कुछ लोग संगठित गिरोह की तर्ज पर भी काम कर रहे हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए इंदौर प्रेस क्लब द्वारा एक पहल की जा रही है. अगर कोई व्यक्ति आपको समाचार छापने या दिखाने के नाम पर ब्लैकमेल कर रहा है या डरा-धमका कर किसी भी प्रकार का दवाब बना रहा है, या फिर बाईट लेने के नाम पर जबरन कवरेज करता है और उसके बदले आपसे रुपयों की मांग करता है तो आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है. आप ऐसा करने वाले व्यक्ति की शिकायत प्रेस क्लब के पदाधिकारियों को फोन पर कर सकते हैं. इंदौर प्रेस क्लब आपकी शिकायत को तत्काल संज्ञान में लेगा और पत्रकारिता के नाम पर ब्लैकमेल करने या डराने-धमकाने के खिलाफ प्रशासन और पुलिस को वैधानिक कार्यवाही के लिए अनुशंसा की जाएगी. अत : आप निर्भिक होकर ऐसे अनैतिक गतिविधियों में लिप्त किसी भी व्यक्ति की शिकायत कर सकते हैं. हम आपको भरोसा दिलाते है कि ऐसी शिकायतों पर इंदौर प्रेस क्लब अपने स्तर पर उचित कार्यवाही करेगा.
बता दे कि एक पत्रकार को इसी तरह की गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर जिलाधीश महोदय ने 6 माह के लिये रासुका में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया.