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Jain wani : 61 वर्ष का वैराग्य जीवन पूर्ण करने वाली अमित गुणा श्रीजी का आदि ठाणा 10 साध्वियों के साथ मंगल प्रवेश

इंदौर Published by: paliwalwani Updated Mon, 07 Jul 2025 01:16 AM
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पार्श्व कल्प तरु धाम पर आस्था का समागम, हजारों श्वेतांबर जैन समाज जनों का जमावड़ा, आराधना भवन का लोकार्पण

6 घंटे चला आयोजन, मंगल प्रवेश यात्रा, लोकार्पण में महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान के कई शहरों से आए अनुयाई

 

इंदौर. पश्चिम क्षेत्र  हाई लिंक सिटी स्थित पार्श्व कल्प तरु धाम में श्वेतांबर जैन समाजजन अल सुबह से ही बड़ी संख्या में  एकत्रित हुए, यहां पर तप साधना जीवन के 61 वर्ष पूर्ण कर चुकी, मात्रहृदया अमित गुणा श्रीजी आदि ठाणा 10 साध्वियों का मंगल प्रवेश अवसर पर ही उत्साह उमंग और आस्था का माहौल रहा. यहां  चार मंजिला अमित आराधना भवन का लोकार्पण भी किया गया. मुख्य रूप से नगरी प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जन प्रतिनिधि और हजारों समाज जनों ने आयोजन में सहभागिता की.

श्री धरणीधर पार्श्व नाथ जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक ट्रस्ट एवं श्री संघ के अध्यक्ष पुंडरीक पालरेचा ने बताया कि तप आराधना और साधु साध्वी भगवंतो के निवास के लिए बनाए गए 9000 वर्ग फीट में चार मंजिला अमित आराधना भवन का लोकार्पण से समाज जनों में भी हर्ष का माहौल है.

शनिवार सुबह श्री संपदा कॉलोनी से पार्श्व कल्प तरुधाम तक मंगल प्रवेश यात्रा निकाली गई, जिसमें बैंड बाजे व गायक कलाकार अपनी सुमधुर धुन पर प्रतीतियां देते आगे चल रहे थे, महिलाएं लाल ओर पुरुष श्वेत परिधान में शामिल हुए, बड़ी संख्या में महिलाएं अपने हाथों में भगवान महावीर के संदेश तख्तियां लिए चल रही थी, रत्न पत्थरों की प्रतिमाओं निर्मित पार्श्व कल्पतरु धाम पर आज मातृ हृदया अमित गुणा, श्रीजी अमितझरा श्रीजी स्नेहझरा श्रीजी, पुण्यझरा श्रीजी रम्यकीर्ति श्रीजी, भव्यकीर्ति श्रीजी, तीर्थकीर्ति श्रीजी, रक्षकीर्ति श्रीजी काव्यकीर्ति श्रीजी, अज्ञाकीर्ति श्रीजी आदि ठाणा श्री संघ का चातुर्मास मंगल प्रवेश हुआ. मंगल प्रवेश यात्रा का अलग अलग जगह स्वागत सत्कार किया गया.

राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र के साथ  देश के अनेक प्रमुख शहरों से श्वेतांबर जैन समाजजन इस आयोजन के सहभागी बने हैं. सुबह 8 बजे शुरू हुआ. आयोजन दोपहर 1.00 बजे तक जारी रहा फिर 3.00 बजे तक भोजन प्रसादी का दौरा रहा. प्रमुख रूप से नगरी प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, वीरेन्द्र  कोठारी, डॉ शैलेश लूणावत, विजय गुप्ता, अभिनंदन जैन, दिलीप खिमेसरा, डॉ. प्रकाश बागानी, अर्पित मारू, दीपक सुराणा, अजीत चोपड़ा, अभय चोपड़ा, नरेंद्र जी, कपिल कोठारी, दिलीप ख़िमेसरा, अर्पित मारू, सुरेश लोढ़ा, प्रदीप जैन, शातू पालरेचा, सुरेश बोथरा, विशाल बम आदि शामिल हुए. सुबह से दोपहर बाद तक जारी रहने वाली इस आयोजन में हजारों समाजजन सहभागिता कर रहे हैं.

आत्मा में आस्था को जगाने का पर्व चातुर्मास...पूज्य अमित गुणा श्रीजी

शनिवार को भव्य मंगल प्रवेश श्री संपदा कॉलोनी से पार्श्व कल्प चारु धाम हाई लिंक सिटी पहुंचा, बड़ी संख्या में श्वेतांबर जैन समाज इसमें शामिल हुए, इसके बाद भाव अमित आराधना भवन का लोकार्पण किया गया. धर्म सभा में मातृ हृदया पूज्य श्री अमित गुणा श्री जी महाराज सा ने कहा कि आत्मा में आस्था को जगाने का पर्व चातुर्मास है. इस 4 महीने में आत्म मंथन कर धर्म और आराधना के कम पर चलकर अपने जीवन को सफल बनाने से मनुष्य निरंतर आगे ओर सफलता के मार्ग अग्रसर होने का समय है. पूज्य साध्वी जी मैं कहा कि अपना घर तो हर कोई बनता है, भगवान आराधना भवन बनाने वाले सौभाग्य शाली.

यह भी कहा

  • इंदौर की पहचान मां अहिल्या की नगरी से, हाई लिंक की पहचान मातृ हृदया अमित गुना श्री जी महाराज सा से.
  • मां अहिल्या ने राजवाड़ा दिया तो पूज्य अमित गुणा महाराज स ने राजमहल (अमित आराधना भवन) की धरोहर आज दी.
  • मां अहिल्या ने शौर्य, सत्व और साहस था, मातृ हृदया महाराज सा में संयम साधना और वात्सल्य है.
  • मां अहिल्या ओर मातृ हृदया पूज्य अमित गुणा श्रीजी की राशि भी एक है.

चातुर्मास  के लाभ बताए

  • बीज मिट्टी के संग से पेड़ बन जाता है, दूध जावन के संग से मक्खन बन जाता है, लोहा पारस के संघ से कंचन बन जाता है, वैसे ही संसारी साधु के संग से साधक बन जाता है.
  • संत बनने के लिए आत्मा से परमात्मा बनने का अवसर चातुर्मास पर्व.
  • आस्था जगाने का पर्व चातुर्मास, परमात्मा के ऊपर आस्था भक्ति का मार्ग चातुर्मास , गुरु के ऊपर आस्था जागृति का यही सही समय भी.
  • धर्म के ऊपर आस्था और जीवन में परिवर्तन का मार्ग चातुर्मास.
  • चातुर्मास के चार महीने  तप साधना के माध्यम से जीवन को सफल और उद्देश्य के चिन्हांकन का लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने का सुअवसर इसका लाभ लेवे.
  • चातुर्मास...अपने  अंदर की अंतरआत्मा में परिवर्तन का समय.
  • चातुर्मास...त्याग,तप और साधना का समय.
  • आत्मा की शुद्धि, तन की शुद्धिऔर मन की शुद्धि का समय चातुर्मास.

उपाश्रय... मातृ हृदया अमित गुणा श्री जी महाराज साहब ने कहा की उपाश्रय संत महात्मा के लिए नहीं होते वह तो एक स्थान पर ठहरते ही नहीं. यह तो श्रावक श्राविकाओं के लिए सांसारिक जीवन से मुक्त होकर तप, साधना और आराधना के केंद्र है, यह जीवन में पथ प्रदर्शक और निराशा, हताशा से दूर आशावादिता का स्थान है.

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