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indoremeripehchan : 5 सवारी के साथ सड़कों पर ठुके स्वागत मंचों और जाम लगाते जुलूसों को भी तो देखें मी लॉर्ड...!

इंदौर Published by: indoremeripehchan.in Updated Thu, 07 Aug 2025 01:30 AM
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5 सवारी के साथ सड़कों पर ठुके स्वागत मंचों और जाम लगाते जुलूसों को भी तो देखें मी लॉर्ड!

हेलमेट और बिगड़ैल यातायात के मुद्दे पर ना केवल अखबार में कलम चलाकर, बल्कि न्यायालयों में लड़ाई लड़ 'पीएचडी' करने वाले इंदौर के वरिष्ठ पत्रकार राजेश ज्वेल की कलम से...

इंदौर.

जिस वक्त हाईकोर्ट में हेलमेट और उसके बिना पेट्रोल ना देने की जनहित याचिका की सुनवाई चल रही थी तब मी लॉर्ड ने यह टिप्पणी भी की कि उन्होंने खुद दो पहिया वाहन पर 5 सवारी निकलते देखी और किसी ने भी हेलमेट नहीं लगा रखा था... मी लॉर्ड की यह बात तो सही है...

मगर ये भी सच है कि उसी वक्त शहर के दूसरे हिस्से में निकल रहे, धार्मिक जुलूसों के कारण जनता जाम में फंसी थी...और ये पीड़ा मी लॉर्ड ने नहीं बताई और न इसका इलाज किया...हालांकि एक कटु सत्य ये भी है कि 5 सवारी वाला परिवार चूंकि कार नहीं खरीद सकता... इसलिए मजबूरी में पूरे परिवार को एक ही दुपहिया पर ढोने को मजबूर है...

बहरहाल हेलमेट की अनिवार्यता अपनी जगह सही हो सकती है और देश की सरकारें तथा अदालतें इस मामले में लकीर की फकीर है... क्योंकि इस मुद्दे पर मैंने पूरी पीएचडी कर रखी है और वर्षों पहले सरकार के साथ अदालतों के भी दरवाजे खटखटा चुका हूं...हेलमेट पहनाना सुरक्षा की दृष्टि से अच्छा कदम है...

मगर उसके साथ जनता की व्यवहारिक कठिनाइयों को भी समझने की जरूरत है... मी लॉर्ड से अनुरोध है कि 5 सवारी देखने के साथ वे सड़कों पर आए दिन ठुकने वाले स्वागत मंचों, राजनीतिक, धार्मिक और अन्य आयोजनों के जुलूसों से जनता जो जाम में फंस हलाकान होती है, उसे भी देखे और जनता को निजात दिलवाए...

इस मामले में सिर्फ दिशा-निर्देश या नोटिसबाजी से ही से काम नहीं चलेगा, बल्कि जिम्मेदारों से समय सीमा तय करवाई जाए... दूसरी तरफ प्रदीप मिश्रा जैसे करोड़ों कमाने वाले कथावाचकों के कारण होने वाली भगदड़ में भी कई मौतें हो चुकी है... मगर ऐसे मामलों में भी आज तक कोई कार्रवाई नजर नहीं आई...

  • साल में कई दिन इंदौर-भोपाल का यातायात इन आयोजनों से जाम रहता है... बहरहाल जनता तो देर-सबेर विरोध करके थक जाएगी और हेलमेट भी पहन लेगी मगर सड़कों पर होने वाली अराजकता से उसे कब और कौन मुक्ति दिलवाएगा मी लॉर्ड ?

@ राजेश ज्वेल

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