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indore news : ED की छापेमार कार्यवाही, संघवी, सहारा, मद्दा के ठिकानों पर छापा : रियल इस्टेट कारोबारियों में हडक़म्प

इंदौर Published by: Paliwalwani Updated Fri, 12 May 2023 12:28 AM
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इंदौर :

गृह निर्माण संस्थाओं से लेकर जमीनों के तमाम घोटालों में शामिल रहे इंदौर के चर्चित भूमाफिया अब ईडी यानी इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट के चंगुल में भी फंसे हैं। ईडी अफसरों ने आज सुबह जेल में बंद दीपक मद्दे के साथ कई संस्थाओं की जमीनों में भागीदार रहे सुरेन्द्र संघवी और मनीष शहारा के ठिकानों पर कार्रवाई शुरू की है।

पिछले ही दिनों पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर (Police Commissioner Makrand Deuskar) ने मद्दे सहित अन्य भूमाफियाओं की कुंडली ईडी को सौंपने की शुरुआत भी की थी। दरअसल अब इन भूमाफियाओं पर मनी लॉन्ड्रिंग के तहत प्रकरण चलेगा। आरोप है कि इन्होंने बड़े पैमाने पर कालेधन का इस्तेमाल किया और सैकड़ों करोड़ की धोखाधड़ी भी की है।

आज सुबह दो गाडिय़ों में पुलिस जवानों के साथ ईडी के अधिकारी संघवी के बिचौली स्थित प्रगति पार्क के बंगले पर पहुंचे। उस दौरान संघवी और उनके भाई बाहर टहल रहे थे। ईडी ने सुरेन्द्र संघवी को वारंट थमाया और घर के अंदर ले गए। इसके बाद उनके भाइयों और परिजनों को भी अंदर जाने से रोक दिया गया। दरअसल दो साल पहले जब भूमाफियाओं के खिलाफ फिर से अभियान चला तब तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह ने सुरेन्द्र संघवी, दीपक मद्दे सहित अन्य भूमाफियाओं के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी.

वहीं पिछले दिनों कल्पतरु गृह निर्माण संस्था में लगभग 5 करोड़ रुपए की राशि अपने निजी खातों में जमा कर लेने के चलते पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मद्दे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया और नतीजतन वह अभी जेल में ही है। जबकि अन्य प्रकरणों में उसने जमानत हासिल कर ली थी। चूंकि पुलिस ने 5 करोड़ रुपए के लेन-देन का मामला मद्दे के खिलाफ पकड़ लिया, जो सीधा-सीधा मनी लॉन्ड्रिंग का भी बनता है और पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर ने पिछले दिनों ही मद्दे सहित अन्य माफियाओं की फाइल बनाकर ईडी को भी सौंपी थी। पुलिस कमिश्नर की उसी रिपोर्ट के आधार पर आज ईडी ने कार्रवाई शुरू की है।

दरअसल संघवी और मद्दा डायमंड गृह निर्माण, कल्पतरु, पाश्र्वनाथ, देवी अहिल्या सहित अन्य तमाम संस्थाओं की जमीनों की हेरा-फेरी में साथ रहे। वहीं दीपक मद्दे ने देवी अहिल्या की ही जमीन त्रिशला गृह निर्माण संस्था में ट्रांसफर कर पहले मद्दा ने हड़प ली और बाद में उसे मनीष शहारा को दे दिया। हालांकि इस जमीन को प्रशासन ने सीलिंग एक्ट के दुरुपयोग के चलते सरकारी भी घोषित कर दी, लेकिन उस पर अभी हाईकोर्ट स्टे चल रहा है।

प्रशासन ने लगभग 15 एकड़ जमीन नगर निगम को हॉकर्स झोन के लिए सौंप दी थी। इसी तरह सूर्या गृह निर्माण सहित अन्य जमीनों की जांच में करोड़ों रुपए के कालेधन, मनी लॉन्ड्रिंग के प्रकरण भी सामने आए हैं। सूत्रों का कहना है कि ईडी ने सुरेन्द्र संघवी के साथ-साथ जेल में बंद मद्दा और मनीष शहारा पर भी कार्रवाई शुरू की है। दरअसल संघवी और शहारा ने कुछ समय पूर्व खंडवा रोड पर प्रिंस मास्टर की 50 से 60 एकड़ जमीन पर कॉलोनी काटी थी। वहीं रुचि सोया के मामले में भी पूर्व में मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायतें हुई थी। इस जांच में संभवत: उसका भी खुलासा हो सकता है। हालांकि पिछले दिनों शहारा ने कई नई कॉलोनियां भी विकसित की। आज सुबह भूमाफियाओं पर ईडी की हुई कार्रवाई से रियल इस्टेट कारोबारियों में फिर हडक़म्प मच गया।

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