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indore news : डबलडेकर सिक्स लेन ब्रिज : 18 माह में बनेगा, 1 किमी लंबा होगा

इंदौर Published by: Paliwalwani Updated Sat, 27 May 2023 07:15 AM
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इंदौर :

फ्लायओवर का सबसे ज्यादा फायदा इंदौर से उज्जैन के बीच सफर करने वाले 15 से 20 हजार डेली अपडाउनर्स को होगा।लवकुश चौराहा पर डबलडेकर ब्रिज का काम जल्द शुरू होगा। जो टेंडर जारी किए गए थे, उसके लिए एक कॉन्ट्रैक्टर ने 146 करोड़ रुपए की बोली लगाई है।

एक-दो दिन में इंदौर विकास प्राधिकरण के संचालक मंडल की बैठक में इस टेंडर को रखा जाएगा। स्वीकृति मिली तो उसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह सिक्स लेन ब्रिज 980 मीटर लंबा होगा। काम शुरू होनेके बाद 18 महीने में तैयार करने की शर्त होगी। आईडीए ने ब्रिज की लागत 136 करोड़ रुपए आंकी है।

चौराहे पर बड़ा जंक्शन होने से सिग्नल पर लंबा जाम लग जाता है, क्योंकि एक ओर इंदौर से उज्जैन तरफ का ट्रैफिक तो दूसरी ओर एमआर-10 से सुपर कॉरिडोर तरफ का ट्रैफिक गुत्थमगुत्था होता है। ट्रैफिक जाम से राहत होगी। वीकेंड और हर सोमवार के साथ ही अमावस, पूनम पर शिप्रा स्नान, महाकाल लोक बड़ी संख्या में श्रद्धालु जाते हैं। उन्हें भी राहत होगी। चौराहा फिलहाल ब्लैक स्पॉट बना हुआ है। यहां आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। ब्रिज बनते ही हादसों पर काफी हद तक नियंत्रण।

लवकुश पर एमआर-10-सुपर कॉरिडोर लेन पर चल रहा ब्रिज का काम. इस बीच लवकुश चौराहा पर एमआर-10 से सुपर कॉरिडोर के हिस्से में ब्रिज का काम चल रहा है। यहां पर अब तक 9 पिलर के लिए फाउंडेशन बन चुके हैं। पिलर के लिए सरिए के स्ट्रक्चर भी डाले जा चुके हैं। तीन शिफ्ट में काम शुरू कराने के पीछे मकसद यह भी है कि जमीन की खुदाई का काम बारिश शुरू होने से पहले पूरा कर लिया जाए। इसलिए रात 12 से सुबह 6 बजे की शिफ्ट भी शुरू कर दी गई है। इसमें भी पिलर के लिए खुदाई कराई जा रही है।

खजराना चौराहा पर एक महीने पहले प्रतिमा को शिफ्ट किया था। फाउंडेशन को भी तोड़ दिया था, लेकिन इसे समतल नहीं किया गया। रोटरी, प्रतिमा नहीं है, इसके बाद भी लोगों को परिक्रमा लगाकर ही वाहन निकालने पड़ रहे हैं। सिग्नल ग्रीन होने पर तेजी से वाहन नहीं निकल पा रहे हैं।

भंवरकुआं चौराहा पर सिग्नल ग्रीन होने पर किसी भी डायरेक्शन से आने वाले वाहन सरपट नहीं निकल पा रहे हैं। बीच चौराहा पर खुदाई की गई थी। इसका भराव काम चलाऊ किया गया। इस वजह से गाड़ी आगे बढ़ती है और फिर गति कम करना पड़ती है। इस कारण दो से तीन बार ग्रीन सिग्नल होने पर भी नहीं निकल पा रहे हैं। इस फ्लायओवर का सबसे ज्यादा फायदा इंदौर से उज्जैन के बीच सफर करने वाले 15 से 20 हजार डेली अपडाउनर्स को होगा।

  • 980 मीटर लंबाई होगी

  • 6 लेन होगा

  • 18 महीने समय सीमा

  • 146 करोड़ पहली बोली

  • 136 करोड़ लागत आंकी आईडीए ने

  • इसलिए खास है यह फ्लायओवर

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