इंदौर : चंपाबाग, कुंजवन, चांदनीवाला बाग, केक्ड़ीवाला बाग, गुलर बाग, प्रेम बाग, शंकर बाग, अनारबाग एवं नवलखा बाग यह इंदौर शहर के वो पुरात्तन बाग है. जिसका निर्माण राव राजा राव नंदलाल मण्डलोई ने कराया था. इन बागों को विकसित करने का उद्देश्य इंदौर की हरियाली व खुशहाली के लिए था.
राव राजाराव नंदलाल मंडलोई ने 9 लाख आम के पेड़ लगाने का संकल्प लिया था. जिसके तहत इन बागों का निर्माण भी करवाया और यह सभी बागों को आज भी शहर की जनता इन्हीं नामों से जानती व पहचानती है. इंदौर की स्थापना करने में किए गए योगदान के लिए यह शहर और यहां की जनता सदैव राव राजा राव नंदलाल मंडलोई की ऋणी रहेगी.
उक्त विचार युवराज वरदराज मण्डलोई (जमींदार) ने इंदौर स्थापना दिवस समारोह समिति द्वारा आयोजित 308 वा इंदौर स्थापना दिवस के अवसर पर सभी जनमानस को संबोधित करते हुए व्यक्त किए. उन्होंने अपने उद्बोधन में आगे कहा कि राव राजा नंदलाल मंडलोई ने इंदौर शहर की नींव रखते हुए सर्वप्रथम मुगल बादशाहों से यहां की जनता के लिए करमुक्त व्यापार करवाया था.
उन्हीं के प्रयासों से शहर का व्यापार कर मुक्त हो सका था. उन्होंने अपने नाम से एक नए करमुक्त क्षेत्र नंदलालपुरा की नींव डाली, जिसे आज नंदलालपुरा के नाम से जाना जाता है. अतिथियों ने इंदौर शहर की जनता से भी इंदौर के इस स्थापना दिवस समारोह में अपनी सहभागीता निभाने की बात कही.
श्री इंदौर स्थापना दिवस समारोह समिति के युवराज वरदराज मण्डलोई जमींदार, राव श्रीकांत मण्डलोई एवं माधवी मण्डलोई ने पालीवाल वाणी को बताया कि कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्जवलन के साथ की गई. इसके पश्चात सभी अतिथियों का स्वागत एवं अपने कार्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली विभूतियों का सम्मान समारोह का आयोजन किया गया.
जिसमें डॉ. रमेश दोषी (चिकित्सा), मो. जफर अंसारी (इतिहासकार) एवं मदन परमालिया (सामाजिक गतिविधियां) का शाल-श्रीफल व मेमोटों भेंट कर सम्मान किया गया. अतिथि के रूप में राष्ट्रकवि सत्यनारायण सत्तन ने दीप प्रज्वलित किया. समारोह में मध्यप्रदेश ज्योतिष एवम् विद्वत परिषद के अध्यक्षआचार्य पंडित रामचंद्र शर्मा वैदिक विशेष रूप से उपस्थित थे. स्थापना दिवस कार्यक्रम में धार्मिक, सामाजिक, चिकित्सा, समाजसेवी व प्रशासनिक अधिकारियों ने भी शिरकत की. कार्यक्रम का संचालन हेमेंद्र पाठक ने किया एवं आभार राजेश पाठक ने माना.