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मध्य प्रदेश सरकार के पांच अफसर मुश्किल में, हाईकोर्ट की अवमानना का मामला : आदेश के बाद भी कर्मचारी को नहीं दिया लाभ

इंदौर Published by: sunil paliwal-Anil Bagora Updated Wed, 14 Aug 2024 01:56 AM
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इंदौर.

हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना करने पर प्रदेश सरकार के पांच अफसर मुश्किल में आ गए हैं. कोर्ट ने इन सभी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है.

मामला एक कर्मचारी के वेतनमान से जुड़ा है. इंदौर के एक कर्मचारी के पक्ष में हाईकोर्ट ने अप्रैल-2024 में फैसला दिया था, इसके बावजूद मध्यप्रदेश सरकार ने उसे यह लाभ नहीं दिया. इसी के खिलाफ कर्मचारी ने अवमानना की याचिका लगाई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने जमानती वारंट जारी किया. सभी अफसरों को 9 सितंबर 2024 को पेश होकर जमानत करानी होगी.

इनके खिलाफ जारी किया वारंट

हाईकोर्ट ने 12 अगस्त-2024 को हुई सुनवाई में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े पांच अधिकारियों मोहम्मद सुलेमान, दिनेश श्रीवास्तव, विवेक पोरवाल, आरसी पनिका और मनीष रस्तोगी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है. 9 सितंबर 2024 को मामले में अगली सुनवाई होगी, जिसमें सभी अधिकारियों को पेश होने के लिए कहा है.

  • ये है मामला :  संविदा कर्मियों के लिए पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने एक पॉलिसी बनाई थी, जिसमें 100 पर्सेंट वेतनमान देने का फैसला लिया गया था. ज्यादातर कर्मचारियों को जद में ले लिया और उन्हें वेतनमान मिल भी गया, लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण कुछ कर्मचारी छूट गए. ऐसे ही एक कर्मचारी हैं पार्थन पिल्लई, जो इंदौर में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं. उन्हें वेतनमान नहीं मिला. उन्होंने अफसरों को इस संबंध में बताया लेकिन कुछ नहीं हुआ. आखिर में उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली. नवंबर-2023 में हाईकोर्ट ने आदेश दिया और दूसरे कर्मचारियों की तरह वेतनमान देने के लिए कहा, 4 महीने में वेतनमान मिलना था. लेकिन अप्रैल-2024 तक वेतनमान नहीं मिला तो पार्थन पिल्लई ने अवमानना याचिका कोर्ट में लगाई. 9 सितंबर 2024 को मामले में अगली सुनवाई होगी, जिसमें सभी अधिकारियों को पेश होने के लिए कहा है.
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