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रूस में गूगल पे, एपल पे बंद होने से अफरातफरी के बीच मोदी की वाह वाही , भारत का रूपे टॉप ट्रेंड, रूसी परेशानी से मोदी की दूरदर्शिता दिखी सामने

देश-विदेश Published by: Paliwalwani Updated Wed, 02 Mar 2022 10:46 AM
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यूक्रेन पर हमले के बाद गूगल, एपल, फेसबुक, यूट्यूब जैसे अमेरिका आधारित कई प्लेटफॉर्म ने रूस पर बैन लगा दिया जिससे वहां उसके सब ऑपरेटिंग सिस्टम बंद हो गए हैं। इन प्लेटफॉर्म से होने वाले लेनदेन खत्म होने से रूस के मेट्रो स्टेशनों और सार्वजनिक जगहों पर लंबी-लंबी लाइन लग गई है। यही नहीं रूसी सरकारी मीडिया को भी इन प्लेटफॉर्म पर नहीं दिखाया जा रहा है।

रूस में मची इस अफरातफरी के बीच सोशल मीडिया पर भारत के प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफ हो रही जिन्होंने पीएम बनने के बाद इन सभी महत्वपूर्ण नेटवर्क में लगभग आत्मनिर्भरता प्राप्त कर ली है। डिजिटल पेमेंट की आदत से लोगों ने कैश रखना छोड़ दिया है, ऐसे में पेमेंट सर्विस बंद होने से गंभीर समस्या पैदा हो गई है। भारत में अपना पेमेंट सिस्टम तैयार किए जाने को लेकर मोदी सरकार की वाहवाही हो रही है और ट्विटर पर Rupay ट्रेंड कर रहा है।

 रूसी परेशानी ने मोदी की दूरदर्शिता को सामने लाया

ट्विटर हैंडल @bubun_s ने लिखा, ‘अमेरिका ने पिछले कुछ वर्षों में अपने सिस्टम पर हरेक देश को निर्भर बना दिया है। वो अपना एकछत्र साम्राज्य कायम करके मनमानी शर्तें मनवाता है, जैसा कि भारत में सोशल मीडिया कंपनियां कर रही हैं। यूपीआई और रूपे ने मास्टर कार्ड और विजा का दबदबा खत्म कर दिया। आरबीआई का डिजिटल रुपया इनके ताबूत में आखिरी कील साबित होगा।’ ध्यान रहे कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए ऐलान किया था कि भारत का केंद्रीय बैंक अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगी।

भारत का है अपना सिस्टम

@/ramanathan_b लिखते हैं, ‘भारत का अपना GPS सिस्टम, अपना Rupey कार्ड, अपना UPI सिस्टम, अपनी डिजिटल करेंसी, अपना सर्च इंजन, भारत का ‘₹’ एक्सचेंज सिस्टम, अपना सैटलाइट नेटवर्क, अपने रक्षा उपकरण, अपना ASAT नेटवर्क, अपना रक्षा उत्पादन, भारतीय फार्मा नेटवर्क… आत्मनिर्भरता के लिहाज से ये सब बहुत महत्वूपूर्ण हैं।’

अमेरिकी टेक कंपनियों की गहरी चाल

ट्विटर हैंडल @ridin_dirty_ का कहना है कि अमेरिकी टेक कंपनियां अपने दबदबे का गलत इस्तेमाल करती हैं। उन्होंने लिखा, ‘बड़ी टेक कंपनियां, दुनियाभर में वीजा, मास्टरकार्ड, गूगल आदि का मनमानापन आपको हमेशा दबोचेगा क्योंकि ये सभी अमेरिकी मिलिट्री इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स के साथ खड़ा होती हैं। भारत ने अपना रूपे, यूपीआई, पेटीएम, आधार और तमाम ऐसी पहलों से शानदार काम किया है।’

पीएम मोदी क विजन को सलाम

@astroserve कहते हैं, ‘पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने दूर दृष्टि अपनाते हुए रूपे और यूपीआई की व्यवस्था शुरू की। दुर्भाग्य से ज्यादातर नेता, बाबू आदि पीएम का वीजन नहीं समझ रहे। उम्मीद है यूक्रेन-रूस युद्ध से पैदा हो रही परिस्थितियां उनकी आखें खोल देंगी।’

पुतिन ताकतवर, लेकिन मोदी ताकतवर के साथ सुधारक भी

कुछ लोगों ने रूस को इतना ताकतवर होते हुए भी अमेरिका पर निर्भरता बनाए रखने को लेकर नाराजगी का इजहार किया है। ट्विटर हैंडल @hbfetr ने लिखा, सैन्य क्षमता की दृष्टि से इतना ताकतवर होते हुए भी रूस की तैयारी कितनी बुरी है, यह चौंकाने वाला है। सैन्य क्षेत्र को छोड़ दें तो उनका टेक्नोलॉजिकल प्रोग्रेस बहुत खराब है। पुतिन बहुत अच्छा प्रशासक हैं, लेकिन खराब सुधारक। जबकि भारत ने सिर्फ चार वर्षों में ही यूपीआई, रूपे, भीम जैसे सरकारी सिस्टम तैयार कर लिए।

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