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World Cancer Day 4th February : फिंगर टेस्ट से लता लगाए लंग कैंसर के बारे में, ये हैं सिंपल ट्रिक

स्वास्थ्य Published by: Paliwalwani Updated Fri, 04 Feb 2022 03:05 AM
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स्वास्थ्य. एक सिम्‍पल फिंगर टेस्‍ट जो आप स्वयं घर बैठे कर सकते हैं, इस टेस्‍ट के जरिए आप लंग कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का पता लगा सकते हैं। यूके की कैंसर रिसर्च सेंटर का यह दावा है कि फिंगर क्लबिंग टेस्ट से आप यह पता लगा सकते हैं कि आपको लंग कैंसर यानी फेफड़ों का कैंसर है या नहीं। जानिए कैसे?

स्कैमरोथ विंडो टेस्ट या फिंगर क्‍लबिंग टेस्‍ट स्कैमरोथ विंडो टेस्ट उंगलियों और नाखूनों में एक दुर्लभ प्रकार की विकृति की पहचान करने में मदद करता है - जिसे "डिजिटल क्लबिंग" या "फिंगर क्लबिंग" के रुप में भी जाना जाता है। इस टेस्‍ट में उंगुल‍ियों में में बनी आकृति के जरिए हृदय या फेफड़ों की बीमारी का पता लगाया जाता हैं। "परीक्षण का उपयोग चिकित्सा पेशेवरों द्वारा स्थितियों की पुष्टि करने के आंशिक तरीके के रूप में किया जाता है, लेकिन आप स्वयं भी परीक्षण कर सकते हैं - इसमें केवल कुछ सेकंड लगते हैं।" कैंसर रिसर्च यूके के अनुसार, यह कुछ मामलों में फेफड़ों के कैंसर का एक अपेक्षाकृत सामान्य लक्षण है, जिसमें कम से कम 35 प्रतिशत लोगों में ये लक्षण नजर आते हैं।

घर बैठे कर सकते है फेफड़े के कैंसर की प्रारंभिक जांच 

फेफड़े के कैंसर की प्रारंभिक जांच घर बैठे आप आसानी से कर सकते हैं। इसके लिए आपको चिकित्सक के पास जाने की जरूरत नहीं है। जांच का तरीका भी बेहद आसान है। जांच करने के लिए हाथ के एक अंगूठे और दूरे हाथ की इंडेक्स फिंगर को नाखून की तरफ से आपस में जोड़ दें। अंगूठे और उंगली के आपस में चिपक जाने के बाद हीरे की आकृति नजर आएगी। अगर संभावित मरीज है तो उसकी हीरे की आकृति नजर नहीं आएगी। आकृति नजर नहीं आने पर समझ लीजिए की मामला गंभीर हो गया है। इसके बाद आपकों तुरंत चिकित्सक से जांच करवानी चाहिए। चिकित्सक आपको फेफड़े या दिल की जांच करने की सलाह दे सकते हैं। अगर आपको यह शक है कि आप फेफड़े की कैंसर से संक्रमित हैं तो फिंगर क्लबिंग टेस्ट कर आसानी से पता कर सकते हैं। हालांकि इसके तुरंत बाद डॉक्टरों की सलाह लेना जरूरी होता है।

फेफड़ों का कैंसर क्या है?

फेफड़े का कैंसर सबसे आम और गंभीर प्रकार के कैंसर में से एक है। फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती चरणों में आमतौर पर कोई संकेत या लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन जिन लोगों में ये कैंसर होता हैं। उनमें धीरे-धीरे ये लक्षण विकसित होने लगते हैं। 

  • लगातार खांसी
  • खूनी खाँसी
  • लगातार सांस फूलना
  • बेवजह थकान और वजन घटना
  • सांस लेने या खांसने में दर्द 

यदि आपके पास ये लक्षण हैं तो आपको एक डॉक्‍टर को दिखाने की जरुरत है।

फेफड़ों के कैंसर के प्रकार

प्राथमिक फेफड़े के कैंसर के दो मुख्य रूप हैं। इन्हें कोशिकाओं के प्रकार के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है जिसमें कैंसर बढ़ने लगता है।फेफड़ों की छोटी कोशिकाओं में कोई कैंसर नहीं। सबसे आम रूप, 87 प्रतिशत से अधिक मामलों के लिए लेखांकन। यह तीन प्रकारों में से एक हो सकता है: स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा, एडेनोकार्सिनोमा या लार्ज-सेल कार्सिनोमा। स्मॉल-सेल लंग कैंसर - एक कम सामान्य रूप जो आमतौर पर नॉन-स्मॉल-सेल लंग कैंसर की तुलना में तेजी से फैलता है।आपके फेफड़ों के कैंसर का प्रकार निर्धारित करता है कि कौन से उपचार की सिफारिश की जाती है।

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