नई दिल्ली । खाने के तेल की कीमतों को काबू करने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। सरकार ने खाद्य तेल के आयत पर निर्भरता कम करने तथा इसके उत्पादन बढाने के लिए 11,040 करोड़ रुपये का राष्ट्रीय मिशन शुरू करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खाद्य तेलों के लिए आयात पर निर्भरता को कम करने को 11,040 करोड़ रुपये के राष्ट्रीय खाद्य तेल-तेल पाम मिशन (National Mission on Edible oils-Oil Palm (NMEO-OP)) को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बुधवार की हुई बैठक में कृषि मंत्रालय के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सरकार ने पॉम की खेती पर किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी और रोपण सामग्री पर सहायता बढाने का भी निर्णय किया है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पत्रकारों से कहा कि भारत सरकार ने आज दो निर्णय लिए है। पाम तेल के कच्चे माल का दाम केंद्र सरकार तय करेगी। इसके साथ ये भी निर्णय किया गया है कि अगर बाजार में उतार चढ़ाव आया और किसान की फसल का मूल्य कम हुआ तो जो अंतर की राशि है वो केंद्र सरकार DBT के माध्यम से किसानों को भुगतान करेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि खेती के सामग्री में जो पहले राशि दी जाती थी उस राशि में भी बढ़ोतरी की गई है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में लोग इंडस्ट्री लगा सके इसके लिए इंडस्ट्री को भी 5 करोड़ रु. की सहायता देने का निर्णय लिया गया है। नए सिस्टम से देश को खाद्य तेल के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने में मदद करेगी। केंद्र सरकार इस नए इकोसिस्टम में 11,040 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस नई योजना की घोषणा की थी।
पीएम मोदी ने ट्विटर पर कहा था कि सरकार तिलहन और ऑयल पाम पर राष्ट्रीय मिशन के माध्यम से किसानों को बेहतर बीज और प्रौद्योगिकी सहित हर संभव सुविधा प्रदान करने के लिए 11,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगी। आपको बता दें कि भारत घरेलू तेल की मांग को पूरा करने के लिए काफी हद तक आयात पर निर्भर करता है। देश में सालाना 2.4 करोड़ टन खाद्य तेल का उत्पादन होता है। बाकी मांग को पूरा करने के लिए दुनिया से बाकी आयात करता है। भारत इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल, ब्राजील और अर्जेंटीना से सोया तेल और मुख्य रूप से रूस एवं यूक्रेन से सूरजमुखी तेल का आयात करता है। कुल आयात में पाम तेल की हिस्सेदारी करीब 55 फीसदी है।