नई दिल्ली.
हमें ख़ुशी है कि भले देर से सही लेकिन आखि़रकार प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया और दिल्ली के कुछ और महत्वपूर्ण पत्रकार संगठनों ने भी आज यानी 11 मई 2024 को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मतदान प्रतिशत के अंतिम आँकड़े को जारी करने में हो रही अभूतपूर्व देरी, कुल डाले गए मतों की संख्या ना घोषित करने एवं हर चरण के मतदान के अगले दिन पत्रकार वार्ता की जानी की परम्परा तोड़े जाने आदि विषयों को लेकर अपना विरोध दर्ज कराते हुए पत्र लिखा है.
ज्ञातव्य है कि छह दिन पूर्व अर्थात पाँच मई को स्टेट प्रेस क्लब, मध्यप्रदेश द्वारा समूह चर्चा ’ईवीएम का ईसीजी “का आयोजन किया गया था. इसमें विभिन्न पृष्ठभूमियों से आए विश्लेषकों ने समवेत स्वर में स्पष्ट तौर पर कहा था कि इस बार पहले चरण के मतदान के अंतिम आंकड़े को जारी करने में हुई ऐतिहासिक देरी एवं दोनों दौरों के आंकड़ों में पूर्व घोषित आंकड़े से लगभग छह प्रतिशत की वृद्धि न केवल चिंताजनक है. बल्कि कई संदेहों को जन्म देती है.
लचर और पक्षपाती रवैए के कारण चुनाव आयोग की विश्वसनीयता में कमी आना- सम्पूर्ण लोकतंत्र और देश की प्रतिष्ठा के लिए नुकसानदेह है- इस समूह चर्चा में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री पंकज शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार सुश्री जयश्री पिंगले, सामाजिक कार्यकर्ता एवं पूर्व प्रशासनिक अधिकारी श्री रामेश्वर गुप्ता एवं सोशल मीडिया इनफ्ल्यूएंसर श्री हेमंत मालवीय ने व्यक्त किए थे.
एसपीसी के अध्यक्ष श्री प्रवीण कुमार खारीवाल के स्वागत उद्बोधन के पश्चात प्रारंभ हुई स्तरीय समूह चर्चा का सूत्रधार मैं आपका मित्र अर्थात पत्रकार एवं संस्कृतिकर्मी श्री आलोक बाजपेयी था. लोकतंत्र की रक्षा एवं उसके स्वस्थ रहने का ध्यान रखना हम सबकी ज़िम्मेदारी है. यदि चुनाव आयोग जैसी महत्वपूर्ण संस्थाएँ गड़बड़ करेंगी, तो देश अपने उस लोकतांत्रिक ढाँचे को खो देगा- जिस पर हमें सदा गर्व रहा है और जो देश की शक्ति है.
!! वन्दे मातरम !!
आलोक-बाजपेयी-कहिन