नई दिल्ली : स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की तरफ से NCDC और ICMR को चिट्ठी लिखी गई है। उन्होंने कहा है कि अगर कोरोना के नए वैरिएंट्स की समय रहते पहचान करनी है, इसके लिए जीनोम सीक्वेंसिंग जरूरी है। राज्यों को भी निर्देश दिया गया है कि वे जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल भेजे। विश्व के कई बड़े देशों में कोरोना के केस अचानक बढ़ गए हैं। खासकर अमेरिका, ब्राजील, चीन, कोरिया और जापान में कोरोना के केस में अचानक इजाफा देखा जा रहा है। इससे केंद्र सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है. सरकार ने सभी राज्यों से सतर्क रहने को कहा है।
चीन और अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस के अचानक बढ़ते मामलों से केंद्र सरकार सतर्क हो गई है। सरकार ने सभी राज्यों को चिट्ठी लिखकर कोविड के नए मामलों की जीनोम सीक्वेंसिंग करने को कहा है। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की तरफ से एनसीडीसी और आईसीएमआर को चिट्ठी लिखी गई है। लेटर में कहा गया है कि सभी राज्यों को जीनोम सीक्वेंसिंग पर जोर देना होगा। इस समय देश में कोरोना के मामले ज्यादा नहीं है। मौते काफी कम हो गई हैं। लेकिन पूरी दुनिया में ये वायरस फिर से पैर पसार रहा है। ऐसे में सरकार कोई भी लापरवाही नहीं बरतना चाहती है।
केंद्र सरकार को शक है कि कहीं कोरोना का नया वेरियंट तो नहीं है, जिससे आने वाले दिनों में केस में अचानक बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। केंद्र ने राज्यों की सरकारों से कहा कि जिस तरह से विश्व के कई देशों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उससे समझा जा सकता है कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में कोरोना के ट्रेंड की निगरानी जरूरी है।
आसान शब्दों में कहा जाए तो जीनोम सीक्वेंसिंग एक तरह से किसी वायरस का बायोडाटा होता है. कोई वायरस किस तरह का है, किस तरह का वह दिखता है, इन सभी चीजों की जानकारी हमें जीनोम के जरिए मिलती है। इसी वायरस के विशाल समूह को जीनोम कहा जाता है। वायरस के बारे में जानने की विधि को जीनोम सीक्वेंसिंग कहते हैं। इससे ही कोरोना के नए स्ट्रेन के बारे में पता चला है।