नई दिल्ली :
उपराज्यपाल कार्यालय (Lieutenant Governor’s Office) की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि इन नियुक्तियों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आरक्षण नीति का पालन नहीं किया गया है. ये लोग दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों और एजेंसियों में फेलो/सहायक फेलो, सलाहकार/उप सलाहकार, विशेषज्ञ/सीनियर रिसर्च अधिकारी और कंसल्टेंट पदों पर नियुक्त थे. बता दें कि इस फैसले की वजह से केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल के बीच एक बार फिर तनातनी बढ़ सकती है. इनकी तैनाती किसी सक्षम प्राधिकरण के बिना ही कर दी गई थी.
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