पाली के मोरडू (सुमेरपुर) निवासी 33 वर्षीय महिपालसिंह राजपूत की हत्या करने के मामले में पुलिस ने खुलासा कर दिया है। हत्या के आरोपी में एक मां-बेटे को हिरासत में लिया हैं। पूछताछ जारी है। मृतक महिपालसिंह आरोपी महिला से बार-बार रुपए की डिमांड करता था। उसके बेटे के सामने मां के चरित्र को लेकर कमेंट करता था। बदनाम करने की धमकी देता था। इससे परेशान होकर दोनों मां-बेटे ने महिपालसिंह से छुटकारा पाने के लिए हत्या की साजिश रची।
दोनों मां-बेटे ने रुपए देने के बहाने महिपालसिंह को बुलाया। हर-हर गंगे धार्मिक स्थल के पास जंगल में पत्थर और धारदार हथियार से कई वार कर उसकी हत्या कर दी। पहचान मिटाने के लिए पत्थर से उसका सिर कुचल रहे थे, लेकिन इस दौरान किसी पशुपालक ने उन्हें देख लिया।महिपाल का पूरा सिर कूचले बिना ही दोनों वहां से भाग गए। मामले मेंपुलिस ने 48 घंटों के भीतर आरोपी मां-बेटे को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की।
दरअसल, 33 साल के महिपालसिंह राजपूत पुत्र दलपतसिंह राजपूत का शव 16 सितम्बर को हर हर गंगे धार्मिक स्थल के निकट मिला था। उसकी पत्थरों से वार कर हत्या की गई थी। मामले में एएसपी बाली व सीओ हिमांशु जांगिड़ के नेतृत्व में टीम गठित की। कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए मामले में मोरडू (सुमेरपुर) निवासी 45 वर्षीय चंद्रकंवर पत्नी मगसिंह राजपूत व उसके पुत्र 19 वर्षीय देवेन्द्रसिंह पुत्र मगसिंह राजपूत को गिरफ्तार किया। जिन्होंने हत्या करना स्वीकार किया।
एसपी पाली कालूराम रावत ने बताया कि पूछताछ में सामने आया कि आरोपी महिला को गलत काम में लाने वाला मृतक महिपाल सिंह था। वह इस काम में होने वाली कमाई में अपना हिस्सा मांगता था। मृतक महिला के पुत्र देवेन्द्रसिंह को बार-बार उसकी मां के चरित्र को लेकर ताने मारता रहता था। उन्हें बदनाम करने की धमकी देता था। इससे दोनों मां-बेटे महिपाल से परेशान हो गए। आखिर उन्होंने महिपाल की हत्या करने की साजिश रची। तय प्लान के तहत 16 सितम्बर को रुपए लेने के लिए महिपाल को आरोपी महिला चंद्रकंवर ने बीजापुर के पास हर-हर गंगे धार्मिक स्थल बुलाया। महिपाल बाइक लेकर पहुंचा।
आरोपी युवक व उसकी मां बस से बीजापुर पहुंचे। यहां से तीनों महिपाल की बाइक पर साथ में हर-हर गंगे की तरफ जंगल में गए। आगे का रास्ता इन्होंने पैदल तय किया। महिला व महिपाल आगे-आगे चल रहे थे। महिला का बेटा उनके पीछे चल रहा था। रास्ते में कुछ देर आराम करने के लिए महिला व महिपाल बैठे। इस दौरान मौका देख देवेन्द्र ने बड़ा पत्थर महिपाल के सिर पर दे मारा। जिससे वह घायल होकर नीचे गिर गया। फिर अपने बैग में कूट (धारदार हथियार) निकाल देवेन्द्र ने कई वार महिपाल पर किए। उसकी बॉडी पहचान में न आए इसलिए दोनों मां-बेट ने मिलकर पत्थरों से उसका सिर कुचल दिया।
इस दौरान एक पशुपालक ने उन्हें देख लिया। पूरा सिर कूचले बिना ही दोनों भाग गए। हत्यारे उसका मोबाइल, पर्स, पहचान कार्ड लेकर महिपाल की बाइक से भागे। रास्ते में एक बाइक पर पड़ा हेलमेट भी देवेन्द्र ने उठा लिया। उसे पहनकर जवाई बांध रेलवे स्टेशन पहुंचे।बाइक की नम्बर प्लेट तोड़ उसे जवाई बांध रेलवे स्टेशन के बाहर खड़ा कर दिया। चाबी भी बाइक में छोड़ दी। यहां से दोनों मां-बेटा अन्य साधन से सुमेरपुर पहुंचे। वहां रखी अपनी बाइक से मोरडू गांव पहुंचे। गांव में ऐसे रहे जैसे उन्हें वारदात के बारे में कोई जानकारी ही नहीं हो।
लाश मिलने के बाद दोनों थानों के 29 पुलिसकर्मियों की टीम गठित की।
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जिन्होंने क्षेत्र में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालने से लेकर हत्या करते देखने वाले ग्रामीणों से पूछताछ की। सीसीटीवी फुटेज में दोनों मां-बेटे नजर आए तो उसकी शिनाख्त के प्रयास किए। आखिर कड़ी से कड़ी जोड़ते दोनों मां-बेटे को वारदात के 48 घंटे के भीतर गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। मृतक महिपाल सिंह ड्राइविंग का काम करता था। उसकी शादी करीब 12 साल पहले हुई थी। शादी के बाद उनके दो बच्चे भी हैं।