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साइबर खतरों के बीच भारत के खिलाफ बढ़ रहा साइबर अपराधों का ग्राफ

अपराध Published by: paliwalwani.com Updated Fri, 09 Jul 2021 08:39 PM
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नई दिल्ली. साइबर खतरों के बीच भारत उन देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है, जिसके खिलाफ बड़े पैमाने पर हमले होते हैं. देश के साइबर सुरक्षा संयोजक ले जनरल (रि) राजेश पंत के अनुसार दुनिया में तीसरे नंबर पर सबसे ज्यादा साइबर हमले भारत के खिलाफ हो रहे हैं. कोविड-19 महामारी ने जहां साइबर हमलों और खतरों को बढ़ाया है. जरूरी है कि सुरक्षा तंत्र से लेकर आम लोग तक सभी इसके खिलाफ सावधानी रखें. ऐसे में इंतजार है कि भारत की राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति के लागू होने का. साइबर सुरक्षा पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान जनरल राजेश पंत ने कहा कि कोविड-19 संकट के बीच साइबर हमले बढ़े हैं और कई कमजोरियां उजागर हुई. हैं तो अनेक समाधान भी सामने आए हैं. उन्होंने बताया कि बीते साल मुंबई में सामने आए बिजली संकेट के बाद ऊर्जा मंत्रालय ने अपने विभिन्न विभागों और खास तौर पर बिजली उत्पादन, वितरण आदि के लिए अलग-अलग कंम्प्यूटर एमरजेंसी रिस्पांस टीमें बना ली हैं. ले जनरल (रि) राजेश पंत के अनुसार टेलिकॉम के साथ-साथ रक्षा और ऊर्जा मंत्रालय ने भी अपनी उपकरणों की खरीद से पहले प्रमाणीकरण में रुचि दिखाई है. देश के मोस्ट वांटेड अपराधी दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी किस तरह सायबर अपराध की दुनिया में भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है. साइबर अपराधों के ताजा ट्रेंड में यह भी सामने आया है कि अधिकतर मामलों में मोबाइल फोन की भूमिका सामने आई है. हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत काम कर रहे इंडियन साइबर क्राइम कॉओर्डिनेशन सेंटर खास तौर पर मोबाइल फोरिंसक पर काम कर रहा है ताकि अपराधों का पता लगाया जा सके. साइबर सुरक्षा जानकार मोबाइल इस्तेमाल के लिए सायबर सुरक्षा पाठ्यक्रमों को सुलभ बनाने और वहीं कार्यालयों में सायबर बेल्ट योजना लागू करने की भी सिफारिश करते हैं. जिसमें साइबर क्षमताओं के आधार पर पेशेवरों को तैयार किया जा सके. 

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