दिल्ली.
दिल्ली के मयूर विहार इलाके की रहने वाली नीलेश नाम की युवती की लाश हापुड़ के सिखेड़ा गांव के पास एक सूटकेस में मिली थी. 30 मई 2025 को सड़क किनारे रजवाहे के पास पड़े इस सूटकेस में महिला की सड़ी गली लाश बरामद हुई थी. पुलिस को पहले तो शव की पहचान में काफी मशक्कत करनी पड़ी. लेकिन जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो साफ हो गया कि गला दबाकर उसकी हत्या की गई थी. इसके बाद दिल्ली पुलिस और हापुड़ पुलिस ने मिलकर जांच शुरू की.
जांच में 300 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए. टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों का रिकॉर्ड चेक किया गया. आसपास के जिलों से लेकर दिल्ली तक की पुलिस से संपर्क साधा गया. आखिरकार गुरुवार रात शव की पहचान मयूर विहार की रहने वाली नीलेश के रूप में हो गई. जिसके बाद पुलिस ने उसके प्रेमी सतेंद्र यादव को धर दबोचा. सतेंद्र उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले के रहुटाखेर गांव का रहने वाला है. लेकिन इन दिनों वेस्ट दिल्ली के विनोद नगर इलाके में किराये के मकान में रह रहा था.
पूछताछ में सामने आया कि नीलेश और सतेंद्र के बीच पिछले तीन साल से प्रेम संबंध था. सतेंद्र एक निर्माण कंपनी में काम करता है और नीलेश फिलहाल त्रिलोकपुरी में अपने परिवार के साथ रह रही थी. नीलेश ने सतेंद्र को पांच लाख पच्चीस हजार रुपये उधार दिए थे. ये पैसे उसके पिता ने उसके खाते में शादी के लिए डलवाए थे. घरवाले उसकी शादी जल्द कराना चाहते थे. इसलिए बार बार उससे पैसे मांग रहे थे. नीलेश ने जब सतेंद्र से पैसे वापस मांगे तो वह टालमटोल करने लगा. नीलेश लगातार दबाव बना रही थी. इसी बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हुआ.
28 मई को नीलेश विनोद नगर में सतेंद्र के कमरे पर उससे मिलने गई थी. जहां पैसों को लेकर बहस हुई. नीलेश ने पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी. इसी बात पर सतेंद्र ने आपा खो दिया और उसी की चुनरी से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी. हत्या के बाद उसने लाश को एक आसमानी रंग के सूटकेस में भरा. और अपनी कार से हापुड़ के सिखेड़ा गांव के पास रजवाहे के किनारे फेंक आया.
इस वारदात को अंजाम देने से पहले उसने योजना भी बना ली थी. दरअसल पिछले महीने वह किसी काम से गढ़ आया था. उस वक्त छिजारसी टोल पर उसने एक आदमी से बिना टोल दिए निकलने का रास्ता पूछा था. उसी वक्त उसने सिखेड़ा का रास्ता देखा था. शायद तभी उसने तय कर लिया था कि हत्या के बाद लाश को यहीं फेंकेगा.
नीलेश ने घर से निकलते वक्त अपने परिजनों को बताया था कि वह बैंक जा रही है. केवाईसी कराने के लिए. वह बैंक भी गई. फॉर्म भी लिया. लेकिन घर नहीं लौटी. जब देर रात तक कोई खबर नहीं मिली तो परिजनों ने मयूर विहार थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई. पुलिस को आरोपी के कमरे से वही बैंक फॉर्म मिला. साथ ही नीलेश की पासबुक, आधार कार्ड, चेक और दो मोबाइल फोन भी बरामद किए गए.
सतेंद्र को नीलेश पर शक भी हो गया था. कुछ दिनों से वह उसका फोन ठीक से नहीं उठा रही थी. और जब भी फोन करता तो बिजी आता था. इसी वजह से रिश्तों में दरार आने लगी थी. आरोपी ने कबूल किया है कि उसने करीब एक महीने पहले ही नीलेश को मारने का फैसला कर लिया था. नीलेश के दिए पैसे से उसने कार खरीदी थी. उसी कार से उसने लाश को ले जाकर ठिकाने लगाया. दो दिन बाद जब राहगीरों की नजर सूटकेस पर पड़ी तो पुलिस को सूचना दी गई. तब तक शव काफी सड़ चुका था.
फिलहाल आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है. और नीलेश की हत्या की पूरी कहानी अब सामने आ चुकी है.