भरतपुर में 14 साल के किशोर से कुकर्म के मामले में निलंबित जज जितेंद्र गुलिया को जेल भेज दिया गया है। उसका मेडिकल करवाने के बाद उसे सिविल न्यायाधीश और अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट रेखा चौधरी के आवास पर पेश किया गया। शनिवार को अदालत में अवकाश था, इसलिए उसे जज के आवास पर पेश किया गया। शनिवार सुबह गुलिया को मथुरा गेट थाने से सीधा जांच अधिकारी सीओ सतीश वर्मा के ऑफिस ले जाया गया। वहां पूछताछ और कागजी कार्रवाई पूरी कर आरबीएम अस्पताल ले जाया गया। उसका मेडिकल हुआ, फिर कोरोना जांच के लिए सैंपल लिया गया। जांच रिपोर्ट आने तक उसे जेल में क्वारेंटाइन रखा जाएगा।
गुलिया ने जांच अधिकारी द्वारा पूछताछ में अपनी जाति छुपाई। पहले उसने अपने आप को OBC वर्ग का बताया। जांच अधिकारी की बात गुलिया के पिता से हुई तब खुलासा हुआ कि वह OBC नहीं, SC वर्ग से आता है। गुलिया ने बताया की उसके पिता SC हैं और मां OBC। उसके सर्विस रिकॉर्ड में SC दर्ज है।
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बच्चे की मां ने 31 अक्टूबर को मथुरा गेट थाने में मामला दर्ज कराया था। मां ने आरोप लगाया था कि उनका 14 साल का बच्चा एक क्लब में टेनिस खेलने के लिए जाता है। यहां जितेंद्र गुलिया नाम का जज भी आता है। गुलिया ने पहले बच्चे के साथ अपनी जान पहचान बढ़ाई। फिर उसे अपने घर ले जाने लगा। वहां बच्चे को खाने-पीने की चीजों में नशीली चीजें मिलाकर देता और उसके साथ कुकर्म करता। गुलिया के दो साथी क्लर्क अंशुल और राहुल भी बच्चे के साथ कुकर्म करते। जब यह बात बच्चे की मां को पता लगी तो उन्होंने इस बारे में गुलिया से बात की। गुलिया ने ACB के सीओ परमेश्वर लाल को बच्चे के घर भेजा और उसके परिवार को धमकियां दिलवाईं।