मुंबई. दिवाली पर भारतीय सिनेमा (Indian cinema) के बड़ी क्षति हुई है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी गोवर्धन असरानी (Govardhana Asrani) का सोमवार को निधन हो गया। लंबी बीमारी के बाद 84 साल की उम्र में असरानी ने शरीर छोड़ दिया। सोमवार शाम करीब 4.00 बजे मुंबई के जुहू स्थित आरोग्य निधि अस्पताल में निधन हो गया।
शाम को उनके करीबी लोगों और परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में शास्त्री नगर, सांताक्रूज में उनका अंतिम संस्कार किया गया। साल 1 जनवरी 1941 को हुआ था। असरानी की प्रमुख पहचान हास्य अभिनेता के रूप में थी। असरानी में बॉलीवुड की सैकड़ों फिल्मों में किरदार निभाकर उन्हें जीवंत बनाया है।
बता दें कि असरानी मूल रूप से वो राजस्थान के जयपुर से रहने वाले थे। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल जयपुर से पूरी की थी। आसराानी का योगदान हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कॉमिक एक्टिंग के क्षेत्र में बेमिसाल रहा है। कई दशकों तक उन्होंने अपनी अदाकारी से दर्शकों को हंसाया, रुलाया और मनोरंजन किया।
एक्टर के साथ ही असरानी ने संगीत में भी कई हाथ आजमाया है। साल 1977 में असरानी ने फिल्म आलाप में दो गाने भी गाए, जो उन्हीं पर फिल्माए गए थे। असरानी ने फिल्म ‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन में’ प्रसिद्ध सिंगर किशोर कुमार के साथ एक गाना गाया था।
वे कथित तौर पर लंबी बीमारी से पीड़ित थे, जो उनकी मौत की वजह भी बनी. एक्टर के भतीजे अशोक ने उनके निधन की पुष्टि की है. एएनआई ने असरानी के निधन पर ट्वीट किया है, ‘अभिनेता-निर्देशक गोवर्धन असरानी, जो ‘असरानी’ के नाम से मशहूर थे, आज उनका मुंबई में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया.
श्मशान घाट से तस्वीरें भी सामने आई हैं, जहां उनके परिवार ने अंतिम संस्कार की रस्में निभाईं. असरानी का जन्म जयपुर, राजस्थान में एक सिंधी परिवार में हुआ था. उन्होंने साल 1967 में आई फिल्म’हरे कांच की चूड़ियां’ से हिंदी सिनेमा में डेब्यू किया था. वे फिल्म ‘मेरे अपने’ से लाइमलाइट में आए. वे कॉमेडी रोल के लिए मशहूर हैं. उन्होंने 350 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था. वे ज्यादा फिल्मों में हीरो के दोस्त के रोल में नजर आए. फिल्म ‘शोले’ में जेलर के किरदार ने उन्हें स्टार बना दिया. वे राजेश खन्ना के साथ सपोर्टिंग रोल निभाते रहे. उन्होंने ‘कोशिश’, ‘बावर्ची’ और ‘अभिमान’ जैसी फिल्मों में अहम रोल निभाए.
असरानी ने कुछ हिंदी फिल्मों में लीड रोल में भी काम किया. उन्होंने फिल्म ‘चला मुरारी हीरो बनने’ में न सिर्फ अभिनय किया था, बल्कि इसे लिखा और निर्देशित भी किया था. वे गुजराती सिनेमा में भी काम कर चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने छह फिल्मों का निर्देशन किया था. उन्होंने 90 के दशक में थोड़े वक्त के लिए सिनेमा से दूरी बनाई थी. उन्होंने फिर ‘हेरा फेरी’ और ‘हलचल’ जैसी फिल्मों से शानदार वापसी की. असरानी की शादी अभिनेत्री मंजू बंसल ईरानी से हुई थी, जिनके साथ उन्होंने कई फिल्मों में अभिनय भी किया था. उन्होंने सेंट जेवियर्स स्कूल से मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की थी और राजस्थान कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था. उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए पैसा जुटाने के लिए जयपुर के ऑल इंडिया रेडियो में वॉयस आर्टिस्ट के रूप में काम किया था.