मुंबई, दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन के 83 वें जन्मदिन के मौके पर सैकड़ों की तादाद में प्रशंसक शनिवार को उनके आवास ‘जलसा’ के बाहर इकट्ठा हुए और इस दौरान जुहू की गलियां पोस्टरों व तख्तियां लिए प्रशंसकों के हुजूम से पट गईं।
दशकों से अमिताभ बच्चन के जन्मदिन पर देशभर से प्रशंसक ‘जलसा’ के बाहर एकजुट होते हैं, जो हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता के प्रति प्यार को दर्शाता है।
कई लोगों के लिए अमिताभ बच्चन के जन्मदिन पर उनके घर के पास आना एक वार्षिक रस्म बन गया है और वे अपने पंसदीदा अभिनेता की एक झलक पाने की उम्मीद में घंटों घर के बाहर खड़े रहते हैं।
‘जलसा’ के बाहर कुछ लोग अपने सबसे पसंदीदा अभिनेता के मशहूर ‘ऑन-स्क्रीन’ किरदारों की वेशभूषा में आए, तो कुछ ने उनके चित्र और मशहूर संवादों वाले आदमकद कटआउट व बैनर लिए हुए थे।
‘आपको 83वें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं’ लिखी शर्ट पहने एक प्रशंसक ने अमिताभ बच्चन को ‘लिविंग लेजेंड’ करार दिया।
प्रशंसक ने कहा, “हर साल, हम अमिताभ बच्चन के परिवार के सदस्य 11 अक्टूबर को उनकी एक झलक पाने के लिए यहां आते हैं। सर, हर रविवार को हम पर बहुत प्यार बरसाते हैं। जहां तक टी-शर्ट की बात है, तो हम हर साल इसे उनकी उम्र के हिसाब से प्रिंट करते हैं। और सर हमेशा इसकी सराहना करते हैं।”
प्रशंसक ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “मैं शायद 2011 से अपने समूह के बाकी सदस्यों के साथ यहां आ रहा हूं। हर रविवार चाहे ठंड हो, बारिश हो या कुछ और, हम हमेशा यहां आते हैं। और सर भी बहुत स्नेह के साथ अपने परिवार से मिलने की पूरी कोशिश करते हैं।”
वर्ष 2003 से आ रहे एक अन्य प्रशंसक के लिए ‘जलसा’ का सफर लगभग आध्यात्मिक हो गया है।
उन्होंने कहा, “उन्हें (अमिताभ बच्चन को) देखकर हम धन्य महसूस करते हैं। मैं उनसे कई बार मिल चुका हूं- शुरुआत में, हमें यकीन ही नहीं होता था कि हम बच्चन साहब के बगल में खड़े हैं।”
अमिताभ के प्रशंसक ने याद करते हुए कहा कि ‘शराबी’ पहली फिल्म थी, जिसने उन्हें अभिनेता का आजीवन प्रशंसक बना दिया।
प्रशंसकों के लिए, यह प्रशंसा श्रद्धा की सीमा तक पहुंच जाती है। एक अन्य प्रशंसक ने कहा, “मैं चार-पांच साल की उम्र से ही अमिताभ बच्चन सर का कट्टर प्रशंसक रहा हूं। कोई भी उनकी बराबरी नहीं कर सकता, और न ही कभी कर पाएगा।”
इस प्रशंसक ने अपनी पसंदीदा फिल्मों की एक सूची बताई, जिनमें ‘दीवार’, ‘त्रिशूल’, ‘जंजीर’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘शराबी’, ‘कभी कभी’, और ‘सिलसिला’ शामिल हैं।
उन्होंने कहा, “मैं उनकी (अमिताभ बच्चन की) फिल्में देखने के लिए कक्षाएं छोड़ देता था। उस समय एक पागलपन था, जो आज भी है। सर को भारत रत्न मिलना चाहिए। यह बहुत दुखद है कि उन्हें अभी तक यह सम्मान नहीं मिला। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह हमारे पसंदीदा अभिनेता को शीघ्र सम्मानित करे।”
भाषा जितेंद्र नेत्रपाल
नेत्रपाल