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बिजली सब्सिडी ख़तम करने की तैयारी, लाखों लोगों को झटका लगना तय

भोपाल Published by: Paliwalwani Updated Wed, 21 Jul 2021 01:40 AM
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मध्य प्रदेश. घरेलू बिजली के लिए दी जा रही सब्सिडी के बोझ को मध्य प्रदेश सरकार कम करने की तैयारी में है. सब्सिडी पर मंथन के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्री समूह गठित किया था. जिसकी बैठक हो चुकी है और सरकार को तीन विकल्पों का प्रस्ताव दिया जा चुका है. इसमें से कोई एक या इससे अधिक अमल में लाया जाता है, तो 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली का लाभ ले रहे लाखों उपभोक्ताओं को झटका लगना तय है.

विकल्प 1

- आयकरदाता और सरकारी कर्मचारी सब्सिडी के दायरे से बाहर कर दिए जाएं। हालांकि इससे सरकार को बहुत अधिक राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।

विकल्प 2

- 150 यूनिट की सीमा घटाकर 100 यूनिट की जाए,इससे 2000 करोड़ रुपये की सालाना बचत होगी। लगभग 35 लाख परिवार सौ रुपये में सौ यूनिट बिजली की पात्रता से बाहर हो जाएंगे।

विकल्प 3

- सब्सिडी का लाभ सिर्फ बीपीएल को दिया जाए। यदि इसे अमल में लाया गया तो सब्सिडी में तीन हजार करोड़ रुपये की कमी आ सकती है। इससे 45 लाख उपभोक्ता कम हो जाएंगे।

दरअसल, सरकार पर आम उपभोक्ताओं के लिए इस मद में बतौर सब्सिडी पांच हजार करोड़ रुपए का बोझ है। अभी सरकार कुल 21 हजार करोड़ रुपये बिजली सब्सिडी दे रही है, जिसमें 16 हजार करोड़ रुपए किसानों के लिए और पांच हजार करोड़ रुपए घरेलू बिजली के लिए है।

इससे पहले कमल नाथ सरकार ने इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली का प्रविधान किया था। इसकी आखिरी सीमा 150 यूनिट थी। इसमें 150 या इससे कम यूनिट में बिल 100 यूनिट तक 100 रुपये और इससे अधिक होने पर शेष बिल सामान्य दर पर आता था। यानी 150 यूनिट तक का बिल लगभग 589 रुपए होता था। 100 यूनिट पर सब्सिडी का लाभ अभी घरेलू उपभोक्ताओं के अलावा मंदिर, गौशाला, धर्मस्थल, चैरिटेबल ट्रस्ट आदि को भी मिल रहा है।

बिजली और सब्सिडी का गणित

मध्य प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या है एक करोड़ 16 लाख। इनमें से एक करोड़, एक लाख उपभोक्ता 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली का लाभ ले रहे हैं। गर्मी में खपत बढ़नेे की स्थिति में ये आंकड़ा न्यूनतम 94 लाख उपभोक्ता तक आ जाता है।

  • बिजली की व्यवस्था में आमूलचूल सूधार करने पर विचार किया जा रहा है ताकि उपभोक्ता पर आर्थिक बोझ न बढ़े और उन्हें निर्बाध गति से बिजली मिल सके। लाइन मेंटेनेंस का काम भी सही समय पर सही तरीके से किया जाए। मंत्री समूह सभी पक्षों पर विचार कर रहा है। हमारी कोशिश है कि राजस्व में वृद्धि हो।
    - प्रद्युम्न सिंह तोमर, ऊर्जा मंत्री, मप्र
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