सूत्रों की माने तो एक बार फिर शासकीय कर्मचारियों को जहां डीए नहीं मिलने जा रहा है, वहीं स्थाईकर्मीयों को सातवां वेतनमान नहीं मिलने जा रहा है, वहीं इस बार फिर लोकसभा चुनाव के पहले दैनिक वेतन भोगियों का भी नियमितिकरण नहीं होने जा रहा हैं.
इस की वजह भी कई कर्मचारी संगठन की कमजोरी ही जाहिर हो रही है, नई सरकार के दौरान एक बार भी सरकार के समाने शक्ति प्रर्दशन नहीं होना, कर्मचारी संगठन अगर लोकसभा चुनाव के पहले नहीं जागी तो कर्मचारियों की जायज मांगो के लिए काफी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है, क्योंकि फिलहाल सरकार का खजाना खाली है, क्योंकि सरकार को आपकी चिंता नहीं हैं.
कैबिनेट मंत्रियों से चर्चा के बाद जनता से जुड़े प्रस्तावों को मंजूरी दी जा सकती है. लोकसभा चुनाव से पहले यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में सुबह बैठक आयोजित की गई है.
इस बैठक में सभी कैबिनेट मंत्री मौजूद रहेंगे. मंत्रियों के विभागों से जुड़ी योजनाओं को लेकर जानकारी मांगी जाएगी. इन पर चर्चा के बाद बड़े फैसले लिए जा सकते हैं.