भोपाल.
मध्य प्रदेश में बने लो प्रेशर एरिया और गुजर रही मानसून ट्रफ 13 के कारण मध्य और पश्चिमी मध्यप्रदेश में कई स्थानों पर 'जल प्रहार' के हालात है। नदी-नाले उफान पर होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ग्वालियर-चंबल, मध्य क्षेत्र, बुंदेलखंड और मालवा-निमाड़ के कुछ जिलों में सोमवार की रात और मंगलवार को भारी बारिश ने लोगों की नाक में दम कर दिया। मौसम विभाग के अनुसार 30 और 31 जुलाई 2025 तक प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी रहेगी।
मौसम विभाग ने रायसेन, नर्मदापुरम और हरदा यानी नर्मदा नदी से लगने वाले जिलों में अत्यधिक बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। बुधवार को भोपाल, विदिशा, सीहोर, गुना, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, अशोकनगर, शिवपुरी, मुरैना, डिंडोरी, मंडला, बालाघाट, राजगढ़, आगर, मंदसौर, नीमच, देवास, गुना, बैतूल, पांडुर्णा और श्योपुर में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट।
इन जिलों में स्कूलों की छुट्टी : भोपाल, विविशा, सीहोर, हरदा, गुना, अशोकनगर, राजगढ़, रायसेन, नर्मवापुरम्, ग्वालियर, शिवपुरी-बुधवार को। श्योपुर- बुधवार-गुरुवार को स्कूलों की छुट्टी घोषित की गई है।
राजधानी बनी बड़ा तालाब : भोपाल में पिछले 48 घंटों से लगातार कभी मध्यम तो कभी तेज बारिश हो रही है। संभाग के रायसेन जिले में पौने नौ इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई। मंगलवार सुबह दिल्ली, मुंबई से आने वाली उड़ान सवा घंटे देर भोपाल पहुंची। दिल्ली से आई एक उड़ान को इंदौर डाइवर्ट करना पड़ा। सडक़ों, गलियों में पानी भरा है।