बिल भरना हो या फंड ट्रांसफर, फिक्स्ड डिपॉजिट हो या लोन लेना हो, Internet Banking के जरिए ये सारे काम आसानी से किए जा सकते हैं। बैंक जाकर, लंबी लाइनों में लगने की जगह अब इंटरनेट बैंकिंग से सभी काम एक क्लिक पर एक्सेस किए जा सकते हैं। लेकिन इंटरनेट बैंकिंग के लिए सावधनी बरतनी जरूरी है। नेट बैंकिंग में फ्रॉड और फिशिंग का रिस्क है, यानी अगर आपकी निजी बैंकिंग जानकारी चोरी हो गई तो आपकी जिंदगी भर की मेहनत की कमाई जा सकती है। आज हम आपको बताएंगे इंटरनेट बैंकिंग के लिए जरूरी ऐसी ही 5 स्मार्ट टिप्स के बारे में जो।
अगर आप इंटरनेट बैंकिंग के लिए पहली बार लॉगइन करते हैं तो बैंक द्वारा दिया गया पासवर्ड इस्तेमाल करने की जरूरत होती है। हालांकि, अपने अकाउंट को सेफ रखने के लिए आपको नियमित तौर पर अपना पासवर्ड बदलते रहना चाहिए। इसके अलावा सबसे जरूरी है कि पासवर्ड को किसी के साथ शेयर ना करें और एक यूनिक पासवर्ड सेट करें। ध्यान रहे कि आपका बैंक कभी भी ईमेल या फोन पर गोपनीय जानकारी नहीं पूछता। इसलिए कभी भी कॉल या ईमेल पर अपनी लॉगइन डिटेल्स शेयर ना करें। अपनी लॉगइन आईडी और पासवर्ड हमेशा बैंक के ऑफिशल पेज पर ही इस्तेमाल करें। लॉगइन करते समय URL में ‘; जरूर चेक कर लें।
कोशिश करें कि साइबर कैफे या लाइब्रेरी में मौजूद कॉमन कंप्यूटर्स पर अपने बैक अकाउंट को लॉगइन ना करें। ऐसी जगहों पर पासवर्ड ट्रेस या फिर दूसरे लोगों द्वारा देखे जाने का खतरा ज्यादा रहता है। अगर आप ऐसी जगहों पर लॉगइन करते हैं तो cache और ब्राउजिंग हिस्ट्री जरूर क्लियर कर दें। इसके बाद कंप्यूटर से temp फाइल्स को डिलीट कर दें। ब्राउजर में कभी भी अपनी आईडी और पासवर्ड सेव ना करें।
कोई भी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के बाद अपने अकाउंट को जरूर चेक कर लें। आपके अकाउंट से सही अमाउंट कटा है या नहीं, इसे वेरिफाई कर लें। अगर आपको अमाउंट में कोई भी गड़बड़ दिखे तो तुरंत बैक को सूचना दें।
किसी भी नए वायरस से अपने कंप्यूटर को बचाने के लिए सुनिश्चित करें कि हमेशा लाइसेंस वाले एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें। एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर के पाइरेटेड वर्जन फ्री हो सकते हैं लेकिन आपके कंप्यूटर को ये नए वायरस से नहीं बचा पाएंगे। इसके अलावा सॉफ्टवेयर में समय-समय पर आने वाले अपडेट भी नोटिफिकेशन के जरिए मिलते हैं। इसलिए ध्यान रखें कि अगर अपनी गोपनीय जानकारी सिक्योर करना चाहते हैं तो एंटी-वायरस को अपडेट रखें।
ब्राउजर के अड्रेस बार में अपने बैंक का URL टाइप करना सेफ रहता है। इसके अलावा मेल में मिलने वाले लिंक पर क्लिक कर लॉगइन करने से बचें। कई बार फ्रॉड ईमेल में फ्रॉड वेबसाइट्स के लिंक भेजते हैं जो बिल्कुल देखने में बैंक की ओरिजिनल वेबसाइट की तरह ही होता है। और अगर आपने ऐसी वेबसाइट पर लॉगइन डिटेल एंटर की तो आपके अकाउंट को ये फ्रॉड एक्सेस कर, पैसे चुरा सकते हैं। लॉगइन करते समय URL में ‘; जरूर देखें और सुनिश्चित करें कि बैंक की ऑथेंटिक वेबसाइट हो। इसके अलावा कंप्यूटर जब इस्तेमाल ना कर रहे हों तो आप इंटरनेट से डिस्कनेक्ट कर दें।