● जग में व्याप्त तम
दीप रश्मियाँ मिटाएँगे
आप प्रज्वलित करें
स्वास्थ्य, समृद्धि और
सौहार्द का एक दीप
● जिस दीपक की बाती में
ख़ुशियाँ, विश्वास मिले
तेल में रिश्तों की नमी रहे
मिट्टी सभी संबंधों को जोड़ें
● वीर केवल ज्ञान के क्षण में
इंद्र वासक्षेप थाल सजाएँ
निर्वाण धरा पर जब महावीर
गुरु गौतम को पट्ट सौंप जाएँ
● लौटें रघुकुलनंदन अयोध्या
ख़ुशियों का यह उत्सव बने
अयोध्या की पावन धरा पर
आनंद उल्लास महोत्सव बने
● ऐसे पुनीत पावन मंगलोत्सव में
समृद्धि चहुँ ओर बिखरने लगे
मंगलकारी मन अर्पण हो सबका
किलकारी जगत में चहकने लगे
!!...आनंद और उल्लास के दीपोत्सव की आपको एवं परिवारजनों को अशेष अनंत बधाई...!!
शुभ दीपावली...!
● डॉ. अर्पण जैन 'अविचल'
अध्यक्ष- मातृभाषा उन्नयन संस्थान