वक्फ एक्ट संशोधन का बिल 2 अप्रैल 2025 को लोकसभा में 288 मतों से पारित हो गया। बिल के पक्ष में 288 तथा विपक्ष में 232 सांसदों ने वोट दिया। बहस के बाद 3 अप्रैल को राज्यसभा में भी यह बिल पास हो जाएगा। वक्फ संपत्तियों का नया कानून बनने के बाद भारत में कोई मुसलमान गरीब नहीं रहेगा, क्योंकि नए कानून से वक्फ संपत्तियों की लूट और दुरुपयोग बंद हो जाएगा।
जब संपत्तियों का उपयोग नियम कायदे और पारदर्शिता के साथ होगा तो इसका लाभ गरीब मुसलमान को ही मिलेगा। यही वजह है कि नया कानून बनने से आम मुसलमान खुश है। वक्फ संपत्तियों पर काबिज लोग कह रहे थे कि यह बिल मुसलमानों के धार्मिक मामलों में दखल है तथा इससे मुसलमानों को नुकसान होगा। 2 अप्रैल को लोकसभा में करीब दस मुस्लिम सांसदों और बिल का विरोध करने वाली कांग्रेस, सपा, टीएमसी, आरजेडी, डीएमके आदि पार्टियों के सांसदों ने अपने विचार रखे, लेकिन एक भी सांसद यह नहीं बता सका कि वक्फ एक्ट में संशोधन के बाद मुसलमानों को किस प्रकार से नुकसान होगा।
बिल को प्रस्तुत करते समय केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री किरण रिजिजू और लंबी बहस के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कहा है कि वक्फ से जुड़े धार्मिक स्थल और वक्फ संपत्तियों अलग अलग हे। सरकार का इरादा मुसलमानों के धर्म में दखल देने का नहीं है। नए कानून से वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन ठीक प्रकार से होगा। जो सेंट्रल स्टेट और डिस्ट्रिक्ट वक्फ कमेटियां बनेगी, उन में सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज, सीनियर वकील, महिलाओं और गरीब मुसलमानों का प्रतिनिधित्व होगा।
स्टेट वक्फ कमेटियों के गठन का अधिकार राज्य सरकारों को होगा। दोनों मंत्रियों ने देशवासियों का खासकर मुसलमानों को भरोसा दिलाया कि अब वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग नहीं हो पाएगा। यह भी स्पष्ट किया गया कि अब देश में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड नहीं रहेंगे। मुसलमानों को विभाजित करने वाले नियम खत्म हो जाएंगे। वक्फ कमेटियों में सभी मुसलमानों को प्रतिनिधित्व मिलेगा।
S.P.MITTAL BLOGGER