आमेट. नगर के रेल्वे स्टेशन पापा कॉलोनी मै माहिराम मंदिर परिसर मैं नो दिवसीय संगीतमय राम कथा महोत्सव के सातवे दिन कथाव्यास स्वामी रामस्वरूप दास महाराज ने रामकथा में सीता सीता स्वयंवर की कथा सुनाते हुए राम और सीता का भव्य विवाह का वर्णन करते हुए बताया कि राम विवाह सीता स्वयंवर एक भव्य आयोजन था।
भगवान राम को देखने के बाद जब माता पार्वती ने पूजा की, तो उन्होंने श्रीराम को पति रूप में पाने की कामना की। उसी के अगले दिन स्वयंवर का आयोजन हुआ। जहां राजा जनक के बुलावे पर ऋषि विश्वामित्र भी श्रीराम व लक्ष्मण को अपने साथ ले गये।
स्वयंवर में श्री राम ने शिव धनुष को तोड़कर शर्त पूरी की और माता सीता से विवाह किया। इस अवसर पर अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया गया एवं सभी देवी देवता ब्रह्मा विष्णु महेश सभी ने आकर इस नजारे को देखा ओर अपनी भागीदारी निभाई सीता स्वयंवर में जनकपुर की सभी महिलाओं ने मर्यादा में रहकर स्वयंवर में भाग लिया।
इसलिए महिलाएं मर्यादा में ही अच्छी लगती है। पारिवारिक जीवन में अपने घर परिवार में बुजुर्गों का होना अति आवश्यक है क्योंकि जिस घर में बुजुर्ग होते हैं।उसे घर के सदस्य संगत गलत रास्ते पर नहीं जाते हैं। क्योंकि उनका मार्गदर्शन मर्यादा पूर्वक होता है। इसलिए बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए।
M. Ajnabee, Kishan paliwal