आमेट. राजसमंद-आमेट कस्बे के 13 वर्षीय तत्त्वदर्शन राज पुरोहित के द्वारा गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर एक सुंदर इक्को फ्रेडली भगवान गणेश की मूर्ति बनाई।अपने आध्यात्मिक पिता व पँचायत समिति के विकास अधिकारी राकेश पुरोहित से प्रेरणा लेकर इस मूर्ति का निर्माण किया गया. बाल कलाकार तत्त्वदर्शन ने ठान लिया कि हमारे घर पर केमिकल से बनी मूर्ति नहीं आएगी. मैं स्वयं गोबर या मिट्टी से मूर्ति बनाऊंगा. इसके बाद तत्त्वदर्शन ने घर पर पड़ी मुल्तानी मिट्टी से गणेश की एक सुंदर मूर्ति बना अपने घर मे स्थापित की गई. मूर्ति को लंबे समय तक सुरक्षित रखने ,चमक देने के लिए और सात्विकता की पुष्टि के लिए गो घृत का भी उपयोग किया. जलाशय में केमिकल की मूर्तियां से व्यापक पैमाने पर प्रदूषण होता हैं और जलीय जीव जंतुओं को बड़ी हानि होती हैं. पिता राकेश पुरोहित स्वयं भी अपनी गोसेवा के लिए हमेशा चर्चा में रहते हैं. रात दिन निष्ठापूर्वक गोसेवा करने तथा गौकथा के लिए पूरे राजस्थान इन्हें प्रशासनिक संत के नाम से जानता हैं. तत्त्वदर्शन मूर्तिकार, चित्रकार के साथ साथ कुशल वक्ता भी हैं. तत्त्वदर्शन की रुचि कुछ नया सृजन करने की रहती हैं. भविष्य में वह वैज्ञानिक बनना चाहता हैं.
M. Ajnabee-Kishan Paliwal