Friday, 14 November 2025

इंदौर

प्राचीन हंसदास मठ पर श्रद्धा सुमन सेवा समिति द्वारा तर्पण के साथ पितृ मोक्षदायी भागवत का शुभारंभ

Paliwalwani
प्राचीन हंसदास मठ पर श्रद्धा सुमन सेवा समिति द्वारा तर्पण के साथ पितृ मोक्षदायी भागवत का शुभारंभ
प्राचीन हंसदास मठ पर श्रद्धा सुमन सेवा समिति द्वारा तर्पण के साथ पितृ मोक्षदायी भागवत का शुभारंभ

इंदौर । तर्पण और श्राद्ध हमारे पूर्वजों एवं पितरों के प्रति हमारी श्रद्धा एवं आस्था की अभिव्यक्ति है। श्राद्ध पक्ष में तर्पण की क्रिया एक तरह से पूर्वजों द्वारा सौंपे गए लॉकर की वह चाबी है, जिससे हम सम्पत्ति के साथ संस्कारों का खजाना भी खोल सकते हैं। हमारी नई पीढ़ी को विरासत में हम सम्पत्ति तो सौंपते ही हैं, संस्कार भी सौंपना चाहिए। पूर्वजों और पितरों का कर्ज कोई नहीं चुका सकता, लेकिन उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।

ये प्रेरक विचार हैं आचार्य पं. पवन तिवारी के, जो उन्होने बड़ा गणपति, पीलियाखाल स्थित हंसदास मठ पर हंसपीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी रामचरणदास महाराज के सानिध्य एवं पं. पवनदास शर्मा के विशेष आतिथ्य में श्रद्धा सुमन सेवा समिति के तत्वावधान में आज सनेहीलाल - गेंदीदेवी गोयल की पुण्य स्मृति में पितृ मोक्षदायी भागवत के शुभारंभ सत्र में व्यक्त किए। इसके पूर्व हंसदास मठ परिसर में भागवतजी की शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें बाबूलाल – गोदावरी गोयल परिवार के सदस्यों के साथ समाजसेवी प्रद्युम्न सिंघल, सुरेन्द्र संतोष गोयल, डॉ. श्रीमती जूही गोयल, जवाहर शर्मा, मुरलीधर धामानी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। व्यासपीठ का पूजन मोहनलाल सोनी, हरि –अरुणा अग्रवाल, राजेन्द्र गर्ग, विनय जैन, चेतन सेठिया, श्याम अग्रवाल, राजेन्द्र सोनी आदि ने किया। हंसदास मठ पर पितृ मोक्षदायी भागवत 24 सितम्बर तक प्रतिदिन दोपहर 2 से 5 बजे तक होगी।

तर्पण अनुष्ठान जारी - इसके पूर्व सुबह तर्पण अनुष्ठान में सदगुरू अण्णा महाराज ने भी साधकों को संबोधित करते हुए कहा कि तर्पण और श्राद्ध हमारी प्राचीन परंपरा है। शास्त्रों में 96 प्रकार के तर्पण बताए गए हैं, लेकिन सोलह दिनों के तर्पण का विधान महत्वपूर्ण है। अगर किसी दिवंगत परिजन का बेटा नहीं हो तो बेटी भी तर्पण कर सकती है। हंसदास मठ एक जागृत और चेतन्य स्थल है, जहां तर्पण करने से हमें भी आत्म शांति अनुभूत होती है। इस तरह के अनुष्ठान को तन, मन, धन से सहयोग देकर सफल बनाना चाहिए। अण्णा महाराज ने हंसदास मठ की गोशाला में पहुंचकर महामंडलेश्वर स्वामी रामचरणदास एवं पं. पवनदास शर्मा के साथ गो सेवा भी की। समिति के संयोजक हरि अग्रवाल एवं अन्य पदाधिकारियों ने अण्णा महाराज का स्वागत करते हुए बताया कि आज भी तर्पण अनुष्ठान में 600 से अधिक साधकों ने भाग लिया। यहां आने वाले साधकों को सभी तरह की पूजन सामग्री निःशुल्क दी जा रही है और प्रतिदिन देश के शहीदों, स्वतंत्रता सेनानियों, गो माता तथा होलकर शासकों के लिए भी मोक्ष की कामना की जा रही है। तर्पण अनुष्ठान प्रतिदिन सुबह 8 से 10 बजे तक 25 सितम्बर तक होगा।

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