दिल्ली

4 साल की बच्ची के यौन उत्पीड़न मामले में कोर्ट ने दोषी महिला को सुनाई 10 साल की कठोर कारावास की सजा

Pushplata
4 साल की बच्ची के यौन उत्पीड़न मामले में कोर्ट ने दोषी महिला को सुनाई 10 साल की कठोर कारावास की सजा
4 साल की बच्ची के यौन उत्पीड़न मामले में कोर्ट ने दोषी महिला को सुनाई 10 साल की कठोर कारावास की सजा

राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने हाल ही में एक महिला को 10 साल की जेल की सजा सुनाई है। महिला पर 2016 में एक चार साल की बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा था। इस मामले में अदालत ने सात साल बाद फैसला सुनाया है। एडिशन जस्टिस कुमार रजत की अदालत ने महिला को नाबालिग पीड़िता के साथ यौन उत्पीड़न का दोषी माना। अदालत ने कहा कि महिला की हरकत से पीड़िता और उसके माता-पिता को भारी मानसिक आघात पहुंचा। अदालत ने आरोपी महिला को 10 साल के कठोर कारावास और 16,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।

पॉक्सो एक्ट के तहत दी गई सजा

अदालत शशि नाम की महिला के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही थी। महिला पर बच्चों से यौन अपराधों को रोकने वाले कानून पॉक्सो एक्ट की धारा-6 और IPC की धारा-354 के तहत गंभीर आरोप लगे थे। अदालत ने इन आरोपों में महिला को दोषी ठहराते हुए कड़ी सजा दी। हालांकि अदालत ने अपराध की गंभीरता और दोषी महिला का कमजोर सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि देखते हुए कहा कि दोषी को केवल POCSO अधिनियम की धारा 6 के तहत सजा दी जाएगी। क्योंकि यह IPC अपराध की तुलना में उच्च स्तर का कानून है।

'सजा देने का कोई निश्चित फॉमूला नहीं'

अदालत ने कहा कि सजा देने का कोई निश्चित फॉर्मूला नहीं है और यह प्रत्येक मामले में तथ्यों और परिस्थितियों, अपराध की प्रकृति, इसकी योजना कैसे बनाई गई और प्रतिबद्ध थी, इसका मकसद, दोषी का आचरण और अन्य सभी बातों पर निर्भर करता है। अदालत ने कहा, 'सजा देने का मूल उद्देश्य यह है कि अपराधी को दंड देना नहीं बल्कि अपराध के पीड़ित और समाज को न्याय दिलाना है।'

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