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मुस्लिम दुल्हन, ईसाई दूल्हा, लेकिन शादी में भरी मांग और लिए सात फेरे : सनातन धर्म अपनाने का फैसला

उत्तर प्रदेश Published by: Paliwalwani Updated Thu, 21 Apr 2022 01:21 AM
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उत्तर प्रदेश : हमने अक्सर देखा है के जब कोई प्रेमी कपल अलग अलग धर्म के हो तो वो जब भी शादी करते है तो लड़का जिस धर्म का होता है उस धर्म के रीति रिवाज से लड़का और लड़की शादी के बंधन में बंध जाते है। लेकिन आपने कभी ऐसा सुना है के लड़का और लड़की अलग अलग धर्म के हो और शादी किसी और धर्म के रीतिरिवाज के अनुसार की है।

बता दे :  आपको उत्तर प्रदेश के बरेली में से एक ऐसा ही किस्सा सामने आया है। बतादे के इस किस्से में दूल्हा क्रिश्चियन था तो दुल्हन मुस्लिम। तो आमतोर दोनों अगर शादी करते तो मुस्लिम रीतिरिवाज से शादी करते लेकिन दोनों कपल ने सनातन धर्म अपनाने का फैसला लिया। दोनों अगस्त्य मुनि आश्रम में सात फेरे लेकर विवाह के बंधन में बंध गए। दूल्हे सुमित ने मांग में सिंदूर भरा।

लड़की ने बताया के वह एमए की छात्र है और उसके पति की अभी अभी ही नौकरी लगी है। आगे बताया के दोनों एक दूसरे को तीन साल से जानते थे। दोनों ने परिवार वालो को मनाने की कोशिश की लेकिन परिवार वाले दूसरे धर्म का लड़का और लड़की होने के वजह से मान नहीं रहे तो दोनों हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं के संपर्क में आए। बाद में दोनों ने समझकर हिन्दू धर्म अपना लिया उसके बाद बरेली के किला स्थित अगस्त्य मुनि आश्रम में उनके विवाह की तैयारियां शुरू हुईं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विवाह सनातन हिन्दू परंपरा के तहत हुआ। इस विवाह में गोद भराई और कन्यादान की रस्म हुई। वहां मौजूद लोगों ने इस जोड़े को आशीर्वाद दिया। सात जन्मों के बंधन में बंधने के बाद दोनों काफी खुश नजर आ रहे थे। लड़की ने कहा के ‘मैं बालिग हूं. अपना भला-बुरा अच्छी तरह से सोचती समझती हूं। हिंदू धर्म में आस्था रखती हूं। इसी के चलते मर्जी से हिंदू धर्म अपनाकर सुमित के साथ शादी की है।

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