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सावन का पावन महीना भगवान शिव को समर्पित : 25 जूलाई से भक्तों को होगा सुखद अहसास

उज्जैन Published by: paliwalwani.com Updated Sun, 18 Jul 2021 01:23 PM
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उज्जैन. उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध महाकाल ज्योतिर्लिंग स्थित है, जहां हर श्रावण और भाद्रपद में बाबा महाकाल की सवारी निकाली जाती है. इस बार 7 वर्ष बाद यह संयोग बन रहा है कि दोनों माह में 7 सोमवार रहेंगे तो बाबा की सवारी भी 7 सोमवार को निकाली जाएगी. 25 जूलाई 2021 रविवार से श्रावण मास का आरंभ होना. धर्मप्रेमी जनता को एक सुखद अहसास मिलेगा. सावन का महीना आरंभ होने जा रहा है. सावन का पावन महीना भगवान शिव को समर्पित है. सावन के सोमवार में शिव जी इन मंत्रों से प्रसन्न होते हैं. पंचांग के अनुसार 24 जुलाई 2021 शनिवार को आषाढ़ मास का समापन होने जा रहा है. वहीं 25 जुलाई 2021 रविवार से श्रावण मास का आरंभ होगा. श्रावण मास को सावन का महीना भी कहा जाता है. सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है. बता दे : हिंदू मान्यता के अनुसार सावन के महीने में भगवान शिव माता पार्वती के साथ पृथ्वी का भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती है. सावन मास में पड़ने वाले सोमवार का विशेष महत्व और पुण्य बताया गया है. मान्यता है कि सावन मास में पूजा करने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं.

●  सावन सोमवार (Sawan Somvar 2021)

सावन में सोमवार की पूजा का विशेष महत्व माना गया है. इस महीने में सावन का पहला सोमवार 26 जुलाई को पड़ रहा है. अन्य सोमवार इस प्रकार हैं : 

  • सावन का पहला सोमवार - 26 जुलाई 2021
  • सावन का दूसरा सोमवार - 2 अगस्त 2021
  • सावन का तीसरा सोमवार - 9 अगस्त 2021
  • सावन का चौथा सोमवार -16 अगस्त 2021

●  शिव मंत्र : सावन में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है. सोमवार के दिन भगवान शिव को विधि पूर्वक अभिषेक करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं. सावन में भगवान शिव के इन मंत्रों का जाप करना चाहिए -

●  महामृत्युंजय मंत्र : ऊँ हौं जूं सः ऊँ भुर्भवः स्वः ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्. ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुवः भूः स्वः ऊँ सः जूं हौं ऊँ. शिव मंत्र- ऊँ नमः शिवाय. भगवान शिव के अन्य मंत्र ओम साधो जातये नमः. ॐ वामदेवाय नमः ओम अघोराय नमः. ओम तत्पुरूषाय नमः. ओम ईशानाय नमः. ॐ ह््रीं ह््रौं नमः शिवाय. रुद्र गायत्री मंत्र ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्.

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