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मेनारिया अपडेट : कलयुगी पुत्रों ने सम्पति के लालच में बाप के साथ की गद्वारी : बाप ने बेटों को दिखा दी औकात...!

उदयपुर Published by: Sunil Paliwal-Anil Bagora Updated Tue, 15 Jun 2021 12:17 AM
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मेनार. मेनारिया समाज में बहुत ही सहज भाव से समाजजन एक दुसरे की मदद करने के लिए महशूर हैं...इनके किस्से आम सुनाई देते है. लेकिन कई बार अनचाहे किस्से भी मन को दुखी कर जाते हैं. एक ही मामला विगत एक माह से चला आ रहा था...बेटों ने सम्पति के लालच में आकर पिता को खुद की सम्पति से ही बेदखल करने की साहस कर दिखाया जो काफी निदंनीय रहा. मेनार तहसील वल्लभ नगर जिला उदयपुर में एक पिता श्री अंबालाल स्व. नारायणलाल जी मेनारिया उम्र 72 वर्ष ने अपने स्वर रचित एवं पूर्ण होश हवास में बिना किसी दबाव के वसीयत नामा निष्पादित किया. दिनांक 14 जून 2021 को अपने कलयुगी पुत्रों को वसीयत लिख़. अपनी चल अचल संपत्ति से किया बेदखल कर दिया. वाक्यत मामला इस प्रकार है. उदयपुर मेनार गांव के निवासी श्री अंबालाल पिता स्व. नारायणलाल रूपावत मेनारिया उम्र 72 साल द्वारा आज न्यायालय वल्लभनगर में अपने दोनों कलयुगी पुत्र 1. छोगालाल मोबाइल नंबर 09694180020. छोगालाल की पत्नी पूनम 2. मोहनलाल रुपावत मोबाइल नंबर. 09928246505. मोहनलाल की पत्नी संगीता रूवावत मेनारिया को अपनी चल अचल संपत्ति से आज किया बेदखल. श्री अंबालाल रुपावत जाति मेनारिया ने सोशल मीडिया के माध्यम से पालीवाल वाणी को बताया कि मैंने आज एक वसीयत तैयार की है मेरे वह मेरी पत्नी के 100 दिन पूरे होने पर यह वसीयत लागू होगी. ताकि कोई विवाद उत्पन्न ना हो. श्री अंबालाल रूपावत ने बताया कि मेरी 1/2 आधा हिस्सा महावीर गौशाला पाली. व 1/2 हिस्सा मेरे छोटे पुत्र शेखर रूपावत मेनारिया के नाम करता हूं. यह वसीयतनामा पुर्ण होशो हवास में स्टांप पेपर पर लिख कर नोटरी कराकर अपने हस्ताक्षर कर देता हूं. मेरे वह मेरी पत्नी के 100 दिन पूरे होने पर यह वसीयत मान्य होगी. जिसकी वसीयतनामा में सोशल मीडिया के माध्यम से पालीवाल वाणी को को फोटो प्रति दे रहा हूं. श्री अंबालाल रूपावत ने आगे बताया कि आज दिनांक 14 जून 2021 सोमवार माननीय न्यायालय वल्लभनगर जिला उदयपुर, राजस्थान में अपने दोनों कलयुग की पुत्रों के खिलाफ मानहानि दावा 20-20 लाख का पेश किया. क्योंकि कलयुगी पुत्रों ने मेरी इज्जत पर तार-तार कर दी. कानूनी कार्रवाई करवाने हेतु पुलिस केस धारा 156/(3) CRPC मैं दायर किया. श्री अंबालाल रूपावत द्वारा वसीयतनामा जो लिखा गया. उसकी छायाप्रति प्रतिलिपि पालीवाल वाणी को भी प्रेषित की गई. समाज के लिए एक सोचनीय विषय है कि कोई कैसे पिता को सम्पति के लालच में इतना विवश कर दे कि बाप को अपने बेटे के खिलाफ ही कानुनी कार्रवाई करने पर विवश होना पड़ा. वसियत नामा में श्री अंबालाल रूपावत ने स्पष्ट लिखा है कि मेरे दो पु. और है. जिनका नाम मोहनलाल व छोगालाल है, इन दोनो ने मुझ वसीयकर्ता को तथा मेरी पत्नी को बहुत परेशान किया. मेरा व मेरी पत्नी का भरण-पोषण भी नहीं किया तथा हम दोनों पति पत्नी को घर से निकाल दिया, जिससे हम दोनो पति/पम्नी दर-दर की ठोकेरे खा रहे हैं. मेरी व मेरे बाप दादाओं की इज्जत को मिठी में मिला दिया. तथा मुझ वसीयतकर्ता के खिलाफ भी मेरे पुत्र की पत्नी ने खेरोदा थाना में झूठा दावाकर मेरी व मेरे परिवार की इज्जत तार-तार कर दी. जिससे इन दोनों को में मेरी समस्त सम्पति से बेदखल करता हुं. वही मेरी व मेरी पत्नी की मृत्यु के बाद मेरे मकान को मेरा पुत्र शेखर अपने नाम करवा सकेगा. ताथा लाईट बिल, नल बिल, मेरे नाम से अपने नाम करवा सकेगा तथा कृर्षि भूमि का आधा 1/2 हिस्सा अपने नाम इस वसीयत के आधार पर अपने नाम करवा सकेगा. वसीयत नामा 100 रूपए के स्टाम्प पर मुझ वसीयतकर्ता ने लिख दिया सो सही हैं. 

● पालीवाल वाणी मीडिया नेटवर्क.Sunil Paliwal-Anil bagora...✍️

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