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विजय दशमी पर्व 5 अक्टूबर को : महर्षि बाबूलाल शास्त्री

धर्मशास्त्र Published by: Paliwalwani Updated Tue, 04 Oct 2022 02:16 AM
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आश्विन शुक्ला नवमी दिनाक 4 अक्टूबर 2022 मंगलवार को दोपहर 2-20 बजे से दशमी तिथि का शुभारंभ अपराह्न व्यापिनी है, अपराह्न काल का समय दोपहर 1-37बजे से 3-57बजे तक है आश्विन शुक्ला दशमी बुधवार को दशमी तिथि दोपहर 12बजे तक तीन‌ मुहूर्त से अधिक किन्तु अपराह्न व्यापिनी नहीं है, किन्तु श्रवण नक्षत्र अपराह्न काल में विधमान है जो रात्रि 9-14बजे तक है, मनु ज्योतिष एवं वास्तु शोध संस्थान टोंक के निदेशक महर्षि बाबूलाल शास्त्री ने बताया कि, धर्म सिन्धु के अनुसार यदि पहले दिन दशमी अपराह्न में व्याप्त हो तथा दुसरे दिन सूर्योदयानन्तर त्रि मुहूर्त व्यापिनी हो तथा अपराह्न में श्रवण नक्षत्र का योग हो तो विजय दशमी पर्व दुसरे दिन होगा,

अतः आश्विन शुक्ल दशमी बुधवार दिनांक 5 अक्टूबर को विजय दशमी पर्व मनाया जायेगा,इस दिन अमृत योग दोपहर 12 बजे से 6 अक्टूबर गुरुवार सुबह 6-25 बजे तक रहेगा,

महर्षि बाबूलाल शास्त्री ने बताया कि अपराजिता पूजन मुहूर्त विजय दशमी के दिन अपराजिता  पूजन शमी पूजन किया जाता है,दिन का ग्यारहवां मूहूर्त विजय  मूहूर्त है विजय दशमी मूहूर्त दोपहर 2-12बजे से 2-59बजे तक है विजय दशमी पर्व दशमी बुधवार श्रवण नक्षत्र अमृत योग में वाहन, वस्त्र, बर्तन,सोना चांदी खरीदने का शुभाशुभ विशेष योग है,

महर्षि बाबूलाल शास्त्री टोंक राजस्थान

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