वास्तु का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान होता है। अक्सर देखा गया है लोग अपना घर बिना वास्तु विशेषज्ञ की सलाह पर बना लेते हैं, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। वास्तु शास्त्र में चार दिशाओं और 4 कोणों (ईशान कोण, नैऋत्य कोण, आग्नेय कोण और वायव्य कोण) का वर्णन मिलता है। घर बनाते समय इन चीजों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। वरना घर में वास्तु दोष लग जाता है और घर में रोज झगड़ा और सदस्यों में मनमुटाव रहता है। साथ ही घर में दरिद्री छा जाती है और ऐसे घर में सुख- समृद्धि का अभाव रहता है।
आज हम बात करने जा रहे हैं घर की उत्तर दिशा की। वास्तु शास्त्र अनुसार उत्तर दिशा कुबेर देवता की मानी जाती है। कहा जाता है कि इस दिशा को दोष मुक्त रखने से धन-धान्य में वृद्धि होती है।
वास्तु शास्त्र अनुसार इस दिशा को आर्थिक कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है। वास्तु अनुसार घर की उत्तर दिशा को हमेशा खुला और साफ सुथरा रखना चाहिए। साथ ही इस जगह पर कोई भारी सामान नहीं रखना चाहिए। कहा जाता है कि घर की उत्तर दिशा का स्थान जितना खाली होता है उतना ही घर में सुख समृद्धि आती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का प्रवेश द्वार और बेडरूम उत्तर दिशा में बनाने का सुझाव दिया जाता है। वास्तु अनुसार ऐसा करने से घर में खुशहाली और समृद्धि आती है। साथ ही घर से नकारत्मक ऊर्जा का नाश होता है। वहीं उत्तर दिशा में दर्पण लगाना शुभ माना जाता है। आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए घर की उत्तर दिशा में मनी प्लांट लगाना शुभ माना जाता है। इससे धन-धान्य में वृद्धि होती है।उत्तर दिशा में कुबेर देवता की प्रतिमा लगाना भी अच्छा उपाय है। इससे नौकरी के अवसर प्राप्त होने लगते हैं और करियर में तरक्की मिलती है।
घर की उत्तर दिशा में तुलसी का पौधा लगाना शुभ माना जाता है। मान्यता है तुलसी का पौधा लगाने से घर में खुशहाली आती है और परिवार के सदस्यों में एकता रहती है।
घर की उत्तर दिशा को लेकर कुछ बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए जैसे इस दिशा की दीवार में दरार होना अशुभ माना जाता है। इससे तरक्की के मार्ग में बाधा उत्पन्न होती है। धन हानि की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए अगर दरार दिख रही है तो तुरंत उसकी मरम्मत करा लें। इस दिशा में कभी भी बहुत भारी सामान नहीं रखना चाहिए।