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सावन में अबकी बार 4 सोमवार, 25 जुलाई से पहला सोमवार व्रत : जानें पूजा विधि और महत्व

धर्मशास्त्र Published by: paliwalwani.com Updated Sat, 10 Jul 2021 09:52 PM
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सावन में अबकी बार 4 सोमवार, 25 जुलाई से पहला सोमवार व्रत : जानें पूजा विधि और महत्व
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सावन अबकी 25 जुलाई से सनातन धर्म में सावन महीने का वि‍शेष महत्‍व होता है. हिंदू पंचांग का यह पांचवा महीना भोलेनाथ को समर्पित होता है. मान्‍यता है कि इस महीने में भगवान शंकर की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाए तो वह अत्‍यंत प्रसन्‍न होते हैं और मनोवांछि‍त सभी कामनाओं की पूर्ति होती हैं. इस बार सावन 25 जुलाई 2021 यानी रवि‍वार से शुरू हो रहा हैं. इस बार सावन में 4 सोमवार पड़ रहे हैं. तो आइए जानते हैं सावन सोमवार की तारीख, पूजा विधि और महत्‍व...!सावन में अबकी बार पड़ेंगे 4 सोमवार सावन का

  • पहला सोमवार व्रत 26 जुलाई 2021 को है.
  • दूसरा सावन सोमवार व्रत 2 अगस्त 2021 को है.
  • को और तीसरा सावन सोमवार व्रत 9 अगस्त 2021 को है.
  • चौथा और अंत‍मि सावन सोमवार व्रत 16 अगस्त 2021 को है.

यह है सावन सोमवार की पूजा व‍धि‍सिवन सोमवार के द‍नि सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान कर लें और पूजा की तैयारी कर लें. सूर्योदय के साथ सर्वप्रथम सूर्यदेव को जल दें और उसके बाद पूजा शुरू करें. पूजा करने से पहले घर में गंगा जल छिड़कर घर की शुद्धि कर लें. इसके बाद यदि आप घर में शिवलिंग रखकर उसपर जल चढ़ाना चाहते हैं तो मिट्टी का शिवलिंग बनाएं और उसे शमी के पेड़ के गमले में रख दें. इसके बाद उसपर जल चढ़ाएं. ध्‍यान रखें क‍ि शिवलिंग अंगूठे के पोर के बराबर ही हो. उससे बड़ा नहीं होना चाह‍िए. शाम के समय करें इन मंत्रों का जप, भोलेनाथ बदल देंगे. आपकी क‍सि्‍मतपूजा से पहले जपें यह मंत्र व‍शिषश‍विल‍गिं पर जल अर्पित करने के बाद घर के मंदिर में भोलेनाथ की प्रत‍मि या फ‍रि फोटो के सामने आसन लगाकर बैठ जाएं और व्रत का संकल्प लेकर पूजा शुरू करें. ध्‍यान रखें जो प्रत‍मि या फोटो आपने रखी हो उसमें भोलेनाथ और माता पार्वती दोनों ही हों. दूसरा मंत्र ‘ध्यायेन्नित्यंहेशं रजतगिरिनिभं चारूचंद्रावतंसं रत्नाकल्पोज्ज्वलांग परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम्। पद्मासीनं समंतात्स्तुतममरगणैव्र्याघ् वसानं विश्वाद्यं निशिल भयहरं पंचवक्त्रं त्रिनेत्रम्।। का जप करें। अब आपको ऊँ नमः शिवाय मंत्र से शिवजी का तथा ऊँ शिवाय नमः से पार्वती जी का षोडशोपचार पूजन करें. साथ ही भगवान को पुष्प, धूप-अगरबत्ती और नैवेद्य के साथ फल और प्रसाद चढ़ाएं फ‍रि श‍वि चालीसा पढ़कर आरती करें. इसके बाद प्रसाद व‍तिर‍ति करके भोलेनाथ और माता पार्वती से पूजन के दौरान जाने-अंजाने में हुई त्रुट‍यिं के ल‍िए क्षमा मांगे. इसके बाद ही भोजन या फलाहार ग्रहण करें. आषाढ़ की अमावस्‍या पर जरूर करें ये उपाय, कभी नहीं होगी धन-धान्‍य की कमी सावन सोमवार का महत्‍वसावन के सोमवार का व्रत करने से भोलेनाथ और माता पार्वती की कृपा व्रत‍यिं और उनके पर‍विर के सदस्‍यों पर बनी रहती है. साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि का भी वास होता है. यही वजह है क‍ि सनातन धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि भगवान शंकर की आराधना के लिए सावन मास सर्वश्रेष्ठ है. यही नहीं सावन के सोमवार में भगवान शंकर का अभिषेक करने से नवग्रहों का दोष दूर होता है. व‍विह में आ रही द‍कि्‍कतें दूर होती हैं. साथ ही सभी तरह के पापों से भी मुक्त‍ि म‍लिती है.“,

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