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दिवाली पर आज ग्रहों का बन रहा ये दु्र्लभ संयोग : जानिए लक्ष्मी पूजा की पूरी विधि और शुभ मुहूर्त

धर्मशास्त्र Published by: Paliwalwani Updated Thu, 04 Nov 2021 06:27 PM
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दिवाली पूजन प्रदोष काल में किया जाता है. कहते हैं जो व्यक्ति सच्चे मन से दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करता है, उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं. दिवाली आज यानी 4 नवंबर 2021 को है. दिवाली (दीपावली 2021) पर ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है. इस खास संयोग में दिवाली मनाई जाएगी. ज्योतिषविदों के अनुसार, दीपावली के दिन चार ग्रहों की युति बन रही है. यानी चार ग्रह एक ही राशि में विराजमान रहेंगे. 

दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का महत्व : दिवाली वाले दिन शाम और रात के समय पूजा का विधान है. पुराणों के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या की रात को देवी लक्ष्मी स्वयं धरती पर आती हैं और प्रत्येक घर में विचरण करती हैं. इस दौरान जो घर साफ-सुथरा और प्रकाशवान होता है वहां देवी लक्ष्मी ठहर जाती हैं. इसलिए दिवाली से पहले ही घरों की साफ-सफाई का काम शुरू हो जाता है. जिससे देवी लक्ष्मी को प्रसन्न किया जा सके. दिवाली वाले दिन कुबेर देवता की पूजा भी होती है.

कौन-से ग्रहों की बन रही युति :  हिंदू पंचांग के अनुसार, 4 नवंबर, 2021, गुरुवार को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दिवाली मनाई जाएगी. इस साल दिवाली पर सूर्य, मंगल, बुध और चंद्रमा एक ही राशि पर संचार करेंगे. ग्रहों की यह युति तुला राशि में होगी. आज दीपावली पर केवल 2 घंटे का ही बन रहा पूजन का शुभ मुहूर्त, जानिए लक्ष्मी पूजन विधि

दिवाली 2021 लक्ष्मी पूजन मुहूर्त : अमावस्या तिथि 4 नवंबर 2021 को सुबह 06 बजकर 03 मिनट पर प्रारंभ होगी और 05 नवंबर की सुबह 02 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी. दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का शुभ समय शाम 06 बजकर 09 मिनट से रात 08 बजकर 20 मिनट तक है. 4 नवंबर 2021 को लक्ष्मी पूजन की कुल अवधि 1 घंटे 55 मिनट की है.

मिलेंगे शुभ परिणाम : तुला राशि में बुध, मंगल, सूर्य और चंद्रमा होने से इस राशि के जातकों को शुभ परिणाम मिल सकते हैं. ग्रहों की युति से धन लाभ होने के भी योग बनेंगे। मान-सम्मान में वृद्धि होगी.

लक्ष्मी पूजा की विधि :

  • दिवाली पर लक्ष्मी पूजा से पहले पूरे घर की साफ-सफाई कर लें। घर में गंगाजल का छिड़काव करें.
  • घर को अच्छे से सजाएं और मुख्य द्वार पर रंगोली बना लें.
  • पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और उस पर लाल कपड़ा बिछाकर वहां देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें.
  • चौकी के पास जल से भरा कलश रख दें.
  • माता लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा पर तिलक लगाएं और उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं.
  • दीपक जलाकर उन्हें जल, मौली,गुड़, हल्दी, चावल, फल, अबीर-गुलाल आदि अर्पित करें.
  • इसके बाद देवी सरस्वती, मां काली, श्री हरि और कुबेर देव की विधि विधान पूजा करें.
  • महालक्ष्मी पूजा के बाद तिजोरी, बहीखाते और व्यापारिक उपकरणों की पूजा करें.
  • अंत में माता लक्ष्मी की आरती जरूर करें और उन्हें मिठाई का भोग लगाएं.
  • प्रसाद घर-परिवार के सभी सदस्यों में बांट दें.
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